देहरादून , पहाड़ न्यूज टीम

महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज हो गई है. एकनाथ शिंदे गुट को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद फ्लोर टेस्ट को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक उद्धव सरकार के खिलाफ कभी भी अविश्वास प्रस्ताव आ सकता है. वहीं दूसरी ओर खबर है कि उद्धव सरकार के तख्तापलट के बाद बनने वाले राजनीतिक हालात को लेकर बीजेपी ने पूरी तैयारी कर ली है. शिंदे गुट के समर्थन के बिना भी भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है।

महाराष्ट्र में अगर महाविकास अघाड़ी सरकार फ्लोर टेस्ट में गिरती है तो महाराष्ट्र की सत्ता पर बीजेपी का कब्जा कैसे होगा, इसको लेकर रणनीति लगभग तय है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देवेंद्र फडणवीस के पास सरकार बनाने का पूरा खाका तैयार है. वो भी तब जब शिंदे गुट के 39 विधायक गुवाहाटी में हैं.

बीजेपी का दावा और राजनीतिक गणित

महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल 287 विधायक हैं। इनमें शिवसेना के 39 बागी विधायक फ्लोर टेस्ट में गायब रहते हैं तो सदन की ताकत घटकर 248 रह जाएगी और ऐसे में बहुमत के लिए 125 विधायकों की जरूरत होगी. भाजपा के 106 विधायक हैं। इसके साथ ही उनके समर्थन में 7 निर्दलीय और अन्य विधायक हैं। बीजेपी को भरोसा है कि शिंदे गुट के 11 निर्दलीय विधायक इसमें शामिल होंगे. इसके साथ ही राज ठाकरे की पार्टी के एक विधायक को भी बीजेपी का समर्थन मिलेगा.

उद्धव ठाकरे सरकार की समस्याएं?

भाजपा बहुजन विकास अघाड़ी (एमवीए) के तीन विधायकों पर भी दावा कर रही है। तो ये सभी आंकड़े जोड़कर 128 होते है जो बहुमत के आंकड़े से अधिक है। वहीं बीजेपी सूत्रों के मुताबिक महाविकास अघाड़ी की सरकार अब अल्पमत में है. दरअसल, महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना के 16 विधायक बचे हैं. एनसीपी के पास 53 विधायक हैं लेकिन अनिल देशमुख और नवाब मलिक के जेल में होने के कारण यह संख्या 51 हो जाती है। कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। अगर समाजवादी पार्टी के 2 और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल जाए तो यह कुल संख्या 116 हो रही है जो बहुमत से कम है. ऐसे में उद्धव ठाकरे के लिए राह बेहद कठिन है।