देहरादून , पहाड़ न्यूज टीम

बुधवार रात पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की चपेट में आने से टेरिटोरियल सेना के कई सदस्य और नागरिक घायल हो गए। घटना तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुई। मलबे के नीचे 45 से ज्यादा लोग दबे हुए हैं, जबकि अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। रेलवे के अनुसार, 19 लोगों की जान बचाई जा चुकी है। बड़े पैमाने पर मलबे के गिरने ने इजेई नदी अवरुद्ध हो गई है, जिससे एक जलाशय का निर्माण हो गया है जो निचले इलाकों को घेर सकता है।

नोनी के डिप्टी कमिश्नर ने एडवाइजरी जारी की।

नोनी के डिप्टी कमिश्नर की चेतावनी के अनुसार, टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर में विनाशकारी भूस्खलन के परिणामस्वरूप 50 से अधिक लोग मलबे में दब गए, जबकि दो अन्य के शव निकाले गए। अगर इजेई नदी का प्रवाह भी मलबे से बाधित हो गया है, भंडारण की स्थिति अगर भंग हुई तो नोनी जिला मुख्यालय के निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं।

रेल लाइन बनाते समय हादसा हो गया।

जानकारी के अनुसार जिरीबाम को इंफाल के बीच रेलवे लाइन बनने के कारण 107 टेरिटोरियल आर्मी के जवानों वहां सुरक्षा के लिए तैनात थे। बुधवार रात को भीषण भूस्खलन हुआ। इसके परिणामस्वरूप कई जवान दब गए । असम राइफल्स, मणिपुर पुलिस और सेना ने गुरुवार सुबह एक बड़ा बचाव प्रयास शुरू किया। जिसमें ऑन-साइट इंजीनियरिंग उपकरणों का भी उपयोग किया जा रहा है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री से की अमित शाह ने बात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने त्रासदी के बारे में एक पोस्ट में ट्वीट किया, “मणिपुर में तुपुल रेलवे स्टेशन के पास भूस्खलन के मद्देनजर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं। एनडीआरएफ का एक दस्ता बचाव प्रयासों में शामिल हो गया।