लद्दाख घटना में शहीद हुए जवानों के परिजनों को पत्र के माध्यम से भेजा जाएगा शोक पत्र – गणेश जोशी।

देहरादून, 21 अगस्त। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सैनिक कल्याण निदेशालय में लद्दाख में हुए दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शहीद हुए भारतीय सेना के 09 बहादुर जवानों की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सभा में घटना में शहीद हुए जवानों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह जवान देश की रक्षा के लिए ड्यूटी पर जा रहे थे। ड्यूटी के दौरान वे वीरगति प्राप्त की है। मंत्री ने कहा हर शहीद का सम्मान करना हर देशवासी का कर्तव्य है।

मंत्री ने कहा एक शोक संदेश सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से शहीदों के परिजनों भेजा जाएगा। उन्होंने कहा शहीद हुए जवानों के परिजनों के साथ पूरी भारत सरकार उनके साथ खड़ी है। मंत्री ने शहीदों के परिजनों को इस वियोग को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना भी की। इस अवसर पर उन्होंने दुर्घटना में घायल हुए जवान की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ भी कामना भी की।
   
गौरतलब है कि बीते शनिवार को लद्दाख के लेह जिले के क्यारी शहर से 7 किमी दूर सेना का एक ट्रक खाई में गिर गया था।भारतीय सेना के जवान सैनिक कारू गैरीसन से लेह के पास क्यारी की ओर बढ़ रहे थे अचानक वाहन के खाई में गिरने से यह हादसा हुआ। वीरगति को प्राप्त करने वालों में एक जेसीओ (जूनयिर कमीशंड ऑफिसर) और बाकी 8 जवान हैं। वाहन में सेना के 10 जवान सवार थे। इस सड़क दुर्घटना में भारतीय सेना के 9 जवान वीरगति को प्राप्त हुए तथा एक अन्य जवान घायल है जिसका उपचार चल रहा है।

इस अवसर पर मेजर जनरल सम्मी सबरवाल, ब्रिगेडियर अमृतलाल, निदेशक सैनिक कल्याण, ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट, प्रबन्ध निदेशक उपनल, कर्नल एमएस जोधा, ले. कर्नल बीएस रावत, ले. कर्नल जेएस चंद उपस्थित रहे।

घटना में ये जवान हुए शहीद –

• हरियाणा से 03 जवान ( पलवल के मनमोहन सिंह, नूंह के तेजपाल सिंह और रोहतक के अंकित)
• हिमाचल से 01 जवान (शिमला के विजय कुमार )
• पंजाब से 02 जवान (सुन्दरनगर के रमेश लाल, फतेहगढ़ के तरणदीप सिंह)
• तेलंगाना से 01 जवान ( महबूबानगर के एन चन्द्रशेखर)
• मध्यप्रदेश से 01 जवान ( मोरेना के मोहिन्द्र सिंह शिकवार)
• महाराष्ट्र से 01 जवान (सतारा के भोते बैभव संपत)