मसूरी : चमोली की हेलंग घाटी में घस्यारी महिलाओं के साथ बदसलूकी और चालान का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने पर कांग्रेसियों ने मसूरी में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेता मेघ सिंह कंडारी के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर नारेबाजी की. साथ ही एसडीएम के माध्यम से सीएम धामी को ज्ञापन भेजकर हेलंग कांड में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

वहीं उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच ने उत्तराखंड में भूमि कानून की मांग को लेकर 7 अगस्त को गांधी पार्क से मुख्यमंत्री कार्यालय तक मार्च में शामिल होने का आह्वान किया. कांग्रेस नेता जयप्रकाश ने भी कांग्रेस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हेलंग कांड में कांग्रेस मूक विपक्ष की भूमिका निभा रही है।

अगर ईडी द्वारा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया जाता है, तो कांग्रेस पूरे देश को हिलाने का काम कर रही है, लेकिन जब उत्तराखंड में एक महिला को उससे घास छीनने के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है, तो कांग्रेस चुप बैठी है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करती है तो वह इसके लिए तैयार हैं. क्योंकि उनके लिए उत्तराखंड पहले है, फिर पार्टी।

पुष्कर सिंह धामी सरकार पर महिलाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता मेघ सिंह कंडारी ने इसे पहाड़ विरोधी बताया. उन्होंने कहा कि हेलंग में प्रशासन और पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केवल हेलंग घटना पर जांच बैठा दी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी अडानी और अंबानी को पूरा राज्य देने का काम कर रही है. उत्तराखंड का निर्माण पहाड़ों के विकास के साथ-साथ पहाड़ों के लोगों को रोजगार देने के लिए किया गया था, लेकिन भाजपा ने पूरे देश को दो पूंजीपतियों को बेचने का काम किया है। अब उत्तराखंड की जमीन भी भूमाफियाओं को बेची जा रही है।

क्या था मामला : गौरतलब है कि 15 जुलाई को जोशीमठ के हेलंग गांव में पुलिस और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने घास ढो रही कुछ घस्यारी महिलाओं से उनका बोझ छीनने की कोशिश की. जिसका वीडियो जमकर वायरल हुआ था. वायरल वीडियो में एक महिला रोती हुई नजर आ रही है. वहीं दूसरी महिला से घास का भार छीनने का प्रयास किया जा रहा था। वीडियो वायरल होने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया और पुलिस के इस रवैये को लेकर पूरे राज्य में आक्रोश फैल गया।

मामला वन पंचायत की जमीन का है। जहां पीपलकोटी विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के तहत हेलंग में टनलिंग का काम करने वाली कंपनी स्पोर्ट्स ग्राउंड बनाने के नाम पर डंपिंग जोन बना रही है. लोगों ने मामले में कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए तो पुलिस ने अपने बयान में कहा कि यहां खेल का मैदान बनाया जा रहा है. जिस पर ग्राम सभा हेलंग की स्वीकृति है। कार्यकारिणी संस्था टीएचडीसी की ओर से हेलंग गांव में डंपिंग यार्ड बनाया जा रहा है। जिसे बाद में खेल का मैदान बनाकर ग्रामीणों को सौंप दिया जाएगा, लेकिन हेलंग गांव के कई ग्रामीण डंपिंग यार्ड के निर्माण का विरोध कर रहे हैं.

बताया जा रहा है कि इस सरकारी जमीन पर कुछ ग्रामीणों ने गौशाला बना ली है, जिससे वे डंपिंग यार्ड का विरोध कर रहे हैं. हाल ही में पुलिस बल तहसीलदार के साथ मौके पर पहुंचा और निर्माण कार्य का विरोध कर रहे लोगों से बात कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया. प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि हेलंग गांव की जिस जमीन पर डंपिंग यार्ड का विरोध किया जा रहा है वह सरकारी जमीन है.

डंपिंग यार्ड निर्माण का विरोध कर रही महिलाओं को तहसील व पुलिस प्रशासन ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन महिलाएं अपनी जिद पर अड़ी रहीं। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लेकर जोशीमठ थाने ले गई. इसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया। उधर, मामला सीएम धामी तक भी पहुंच गया। उन्होंने मामले की तत्काल जांच के आदेश दिए हैं।