मसूरी : 2 साल होने पर आज मसूरी शिफन कोर्ट से बेघर हुए 84 परिवार शहीद स्थल, झूलाघर, मसूरी पहुंचे. आज यहाँ हजारो की संख्या में लोग शामिल हुए है । और इसके साथ ही लोगो ने शोक दिवस भी मनाया। जहां उन्होंने प्रदेश सरकार और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पहले शहीदों को श्रद्धांजलि दी और वहीं पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है

आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा ने कहा शिफन कोर्ट में रहने वाले 84 परिवारों को पुलिस और प्रशासन ने बेदखल कर सड़कों पर छोड़ दिया है
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क्या है शिफन कोर्ट विवाद: आपको बता दें, कुछ साल पहले पर्यटन विभाग ने पुरुकुल को मसूरी से जोड़ने के लिए यहां रोपवे बनाने की योजना तैयार की थी. सरकार से इसकी मंजूरी मिलने के बाद रोपवे के निर्माण के लिए एक फ्रांसीसी कंपनी के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। लेकिन आखिरी समय में मसूरी में लाइब्रेरी बस स्टैंड के नीचे बसी अवैध मजदूर बस्ती शिफन कोट ने इस काम को रोक दिया.

यह बस्ती नगर पालिका मसूरी की भूमि पर स्थित थी। जिसके बाद पुलिस और प्रशासन ने शिफन कोर्ट से जबरन अतिक्रमण मुक्त कराया.

शिफनकोर्ट के निवासियों के साथ मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन रजत अग्रवाल ,जगजीत कुक्रेजा , नागेन्द्र उनियाल आदि लोग मौजूद थे .