मसूरी : मसूरी प्रोग्रेसिव मंच के तत्वावधान में महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की 142वीं जयंती यहां आरएन भार्गव इंटर कालेज के सभागार में मनाई गई और उनके साहित्य जगत की चर्चा की गई और उनकी कहानी को एक नाटक के रूप में प्रस्तुत किया गया.

महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती आरएन भार्गव इंटर कॉलेज में मनाई गई। इसका उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने मुंशी प्रेमचंद के साहित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने साहित्य को समाज से जोड़कर लिखा है. उनकी कहानियां आम लोगों के जीवन की झलक देती हैं और कहानियों में जो संदेश रहता है वह दिल को छू लेने वाला होता है। जो प्रेरणा देता है। उनके उपन्यास में समाज की दृष्टि है। वक्ताओं ने कहा कि मसूरी में साहित्यिक गतिविधियां लगभग ठप हो गई हैं, जिसके चलते इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया. क्योंकि साहित्य में सत्य है और यदि जीवन में साहित्य नहीं है तो जीवन का कोई अर्थ नहीं है।

इस अवसर पर संगोष्ठी के निदेशक सतीश कुमार ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई को पड़ती है, लेकिन स्कूल की छुट्टी के कारण 2 अगस्त को इसका आयोजन किया गया. उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य है। मसूरी की साहित्यिक गतिविधियों को जागृत करने और युवा पीढ़ी को मसूरी प्रेमचंद के बारे में सूचित करने के साथ-साथ साहित्य के क्षेत्र में छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए। उन्होंने कहा कि आज का युवा गलत दिशा में जा रहा है, मोबाइल या ड्रग्स के प्रति भटकाव और झुकाव है क्योंकि इस तरह की साहित्यिक गतिविधियां नहीं हो रही हैं। जिस पर यह संगोष्ठी आयोजित की गई ताकि युवा पीढ़ी का रुझान साहित्य की ओर हो सके। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को बुलाया गया और उन्होंने मूशी प्रेमचंद के साहित्य पर भी प्रकाश डाला।

वर्तमान संदर्भ में मुंशी प्रेमचंद की कहानियों की प्रासंगिकता पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मसूरी गर्ल्स नेहा को, दूसरा अमरीन सनातन धर्म, व तृतीय शिवानी कैंतुरा सनातन धर्म को पुरूस्कार दिया गया. कार्यक्रम का संचालन पंकज अग्रवाल ने किया। इस मौके पर आरएन भार्गव इंटर कॉलेज के प्राचार्य अनुज तायल, सोनिया आनंद रावत, पत्रकार शूरवीर भंडारी, पंकज अग्रवाल, ममता राव, कविता नेगी, अवतार कुकरेजा, रूबीना अंजुम,आदि मौजूद थे.