मसूरी , पहाड़ न्यूज टीम

तकनीकी खराबी के कारण सुरकंडा देवी मंदिर की रोपवे सेवा कुछ देर के लिए ठप हो गई थी । इस दौरान रोपवे ट्रॉलियों में करीब 70 लोग हवा में लटके रहे। ट्रॉली में यात्रा कर रहे टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने तत्काल स्थानीय प्रशासन को घटना की सूचना दी. जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और तकनीकी टीम को मौके पर भेजा। इस बीच काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। कुछ देर तक फंसे रहने के बाद रोपवे सेवा का संचालन फिर से शुरू हो गया। गौरतलब है कि 1 मई को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर के लिए रोपवे सेवा की आधिकारिक शुरुआत की थी. हालांकि रोपवे की शुरुआत अप्रैल में हुई थी। सुरकंडा देवी मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 5 करोड़ की लागत से रोपवे तैयार किया गया है। जिसकी लंबाई 502 मीटर है। 32 करोड़ रुपये की लागत से बने रोपवे में 16 कोच लगाए गए हैं। एक कोच में छह लोग यात्रा कर सकते हैं। टिहरी के कद्दूखाल क्षेत्र स्थित सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी के दर्शन के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 2,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक करीब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई है, जिस पर चढ़ने में करीब डेढ़ से दो घंटे का समय लगता था। लेकिन अब रोपवे के शुरू होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को डेढ़ किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी. इससे उन लोगों को काफी राहत मिलेगी जो चलने में असमर्थ हैं। कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर परिसर तक सुरकंडा रोपवे परियोजना में 6 टावरों के सहारे 16 ट्रॉलियों का संचालन किया जा रहा है. रोपवे से आने-जाने का किराया 177 रुपये रखा गया है। सुरकंडा देवी में रोपवे के रुकने पर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने रोपवे संचालकों पर कई सवाल खड़े किए हैं, उन्होंने कहा कि तकनीकी खराबी के कारण रोपवे करीब आधे घंटे तक बंद रहा । रोपवे में करीब 70 लोग फंस गए, जिससे उनमें दहशत फैल गई। उन्होंने कहा कि रोपवे की तकनीकी स्तर से मरम्मत की जाए और भविष्य में ऐसी घटना न हो यह भी सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि रोपवे प्रकरण को लेकर जल्द ही वी पर्यटन सचिव से भी मुलाकात करेंगे।