मसूरी, PAHAAD NEWS TEAM

विश्व वानिकी दिवस पर मसूरी वाइल्डलाइफ सेंचुरी और रोबुस्ट वर्ल्ड संस्था के संयुक्त तत्वाधान में इंटर स्कूल डिबेट प्रतियोगिता व मास्क बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया . डिबेट में ओवरऑल ट्रॉफी सीजेएम वेवरली ने जीती, जबकि मास्क बनाने की प्रतियोगिता में पहला स्थान सीजेएम वेवरली ने जीता।

विश्व वानिकी दिवस पर मसूरी वन्यजीव अभ्यारण्य के सभागार में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता जिसका विषय वृक्षों का पातन विकास के लिए आवश्यक है? मसूरी और देहरादून के छह स्कूलों के प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया और पक्ष विपक्ष में अपनी प्रस्तुति, वाक पटुता व तर्कों से श्रोताओं सहित निर्णायकों को सोचने के लिए मजबूर किया। सभी प्रतिभागियों ने अपने सम्बोधन में अनेक तार्किक भाव देकर स्वयं को सही सिद्ध करने का प्रयास किया कि विकास के लिए वृक्षों का पातन आवश्यक है अथवा वृक्षों का पातन विकास के लिए आवश्यक नहीं है।

प्रतियोगिता में वैलहम गर्ल्स स्कूल, भागीरथी इंटरनेशनल स्कूल, मसूरी के सीजेएम वेवरली, वाइनबर्ग ऐलन स्कूल, मसूरी गर्ल्स इंटर कालेज, सीजेएम हेंपटन कोर्ट ने भाग लिया। वाद-विवाद प्रतियोगिता की ओवरऑल ट्रॉफी सीजेएम वेवरली ने अपने नाम की। वहीं वेवरली की सिया सैली ने पहला, वेवरली की ही कोमल ने दूसरा व मसूरी गर्ल्स की खुशबू ने तीसरा स्थान हासिल किया. वहीं विश्व वानिकी दिवस पर मास्क बनाने की प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें मसूरी और देहरादून के पांच स्कूलों ने भाग लेकर कई खूबसूरत मास्क बनाए. प्रतियोगिता में वेवरली की तृषा व अदाफातिमा ने पहला, सीजेएम की लक्की शर्मा व तेजस्वी गर्ग ने दूसरा व भागीरथी इंटरनेशनल स्कूल देहरादून के आशुतोष व अक्षत चमोली ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

इस अवसर पर वन्यजीव अभयारण्य की रेंज अधिकारी डॉ. शिप्रा शर्मा ने कहा कि विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर बच्चों को पर्यावरण से जोड़ने के उद्देश्य से एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. ताकि आने वाली पीढ़ी का वनों से गहरा नाता रहे और उनमें वनों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता आए, यदि आने वाले समय में वे इन बच्चों से नीति निर्धारक बनते हैं तो उनका लगाव वनों के प्रति होगा। उन्होंने कहा कि वाद-विवाद प्रतियोगिता में बच्चों द्वारा अपने ज्ञान की प्रस्तुति काबिले तारीफ है, उनके ज्वलंत व प्रगतिशील विचार निश्चित ही आने वाले समय में वनों के सरंक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

इस मौके पर रोबुस्ट वल्र्ड संस्था के निदेशक शुभ विश्नोई ने कहा कि बच्चों को वनों के प्रति जागरूक करने व वनों का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति जागरूक करना था . उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान यह देखा गया कि वनों के संरक्षण से प्रकृति को कितना लाभ होता है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद बच्चों को वनों से जोड़ने व वनों के बारे में जानकारी रखना है. इस अवसर पर रोबुस्ट संस्था के सार्थक रोहिला, शेर्याश शुक्ला, प्रवेश सहगल सहित वन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे.