नैनीताल : देहरादून में जोगीवाला-सहस्त्रधारा   सड़क चौड़ीकरण के मद्देनजर आ रहे पेड़ों की कटाई पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर रोक लगा दी है. सरकार को इस मामले में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 17 अगस्त को तय की गई।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे  की खंडपीठ ने देहरादून निवासी आशीष गर्ग द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. 11 मई को हाईकोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी, जबकि 22 जून को कोर्ट ने पिछले आदेश में संशोधन करते हुए पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी थी. इसके बाद मामला 1 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की दोबारा सुनवाई के लिए नैनीताल हाईकोर्ट को आदेश दिया. इस मामले में सरकार की ओर से हलफनामा दायर कर कहा गया कि कुल 2200 पेड़ों में से 1700 पेड़ों को चौड़ा करने के लिए काटना अनिवार्य है, साथ ही कहा गया है कि बाकी पेड़ों को कहीं और स्थानांतरित किया जाएगा. सरकार ने यह भी कहा है कि इस चौड़ीकरण से सहस्त्रधारा रोड से जोगीवाला तक ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता अभिजय नेगी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की दर बहुत गंभीर हो गई है, प्रस्तावित चौड़ीकरण बिजली के खंभों, तारों को भूमिगत करके भी किया जा सकता है, जबकि सरकार की ओर से पेश मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कहा कि प्रस्तावित चौड़ीकरण से देहरादून के पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह विस्तार बहुत महत्वपूर्ण है। लंबी बहस के बाद कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर फिलहाल रोक लगाते हुए अगली सुनवाई की तारीख 17 अगस्त तय की।