नैनीताल : लोहाघाट से कांग्रेस विधायक खुशाल सिंह अधिकारी का चुनाव रद्द करने की मांग वाली पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है. पूर्व विधायक को नोटिस जारी करने के साथ ही चार सप्ताह में जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद इस मामले में सुनवाई छह हफ्ते बाद तय की है.
लोहाघाट से भाजपा के पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने कांग्रेस विधायक खुशाल सिंह अधिकारी पर नामांकन के दौरान तथ्यों को छुपाने का आरोप लगाते हुए उनका चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकार और पूर्व विधायक से जवाब मांगा था.

विधायक पदाधिकारी ने याचिका के विवाद के बिन्दुओं पर आपत्ति जताई थी, जिसका निस्तारण करते हुए न्यायालय ने पूर्व विधायक को याचिका की कमियों को दूर करने का समय दिया था. इसके बाद इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से पक्षकारों के बयान दर्ज किए जा रहे थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान विधायक खुशाल सिंह अधिकारी के अधिवक्ता पूर्व महाधिवक्ता वीबीएस नेगी ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायक अधिकारी की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए 2019 में सुनवाई पर रोक लगा दी. हाईकोर्ट अगले आदेश तक। है। बताया कि एसएलपी की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में हुई थी.

ये मामला है
लोहाघाट विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी खुशाल सिंह अधिकारी के निर्वाचन को भाजपा के पराजित प्रत्याशी पूरन फर्त्याल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिका में कहा गया है कि अधिकारी ने 24 जनवरी 2022 को नामांकन किया था, लेकिन शपथ पत्र 28 जनवरी को दाखिल किया, जबकि इसे नामांकन पत्र के साथ दाखिल किया जाना था. इतना ही नहीं उन्होंने हलफनामे में गलत जानकारी दी थी।

उनके नामांकन के समय 25 सरकारी कार्यों के ठेके चल रहे थे, जिसे उन्होंने छिपा रखा है. बाद में विधायक अधिकारी ने भी अर्जी दाखिल कर प्रतिद्वंद्वी फर्त्याल की याचिका को कमियों का हवाला देते हुए रद्द करने की मांग की थी. अधिकारी ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत याचिका दायर नहीं की गई है। यह भी कहा गया कि फर्त्याल ने जो हलफनामा दायर किया है, उसमें नमाज की जगह पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। याचिका के साथ संलग्न संलग्नक सत्यापित नहीं हैं।

मालूम हो कि जज जस्टिस रवींद्र मैठानी की सिंगल बेंच ने मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें बुधवार को सुनाते हुए कहा कि याचिका में ऐसी कोई कमी नहीं है, जिसे दूर नहीं किया जा सके. दो नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने भाजपा के पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की चुनाव याचिका पर विवाद के बिंदुओं पर विधायक अधिकारी की आपत्तियों को खारिज कर दिया था.

साथ ही पूर्व विधायक को 11 नवंबर तक याचिका में आपत्तियां दूर करने और 16 नवंबर से मामले की नियमित सुनवाई का भी आदेश पारित किया. पूर्व विधायक के लिए लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है.