नई टिहरी , PAHAAD NEWS TEAM

‘सुनो सरकार, उत्तराखंड का आह्वान’ अभियान के तहत सोमवार को कोटी कालोनी स्थित बोट प्वाइंट पर आयोजित चौपाल में व्यापारियों व नाव संचालकों ने अपनी समस्याएं रखी. वहीं ऋषिकेश में गंगा की लहरों पर नाव में चौपाल लगाकर राफ्टिंग, कैंपिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों से जुड़े कारोबारियों ने अपना दर्द बांटा. सभी ने टिहरी झील और गंगा राफ्टिंग जोन में पर्यटन विकास के लिए कई अहम सुझाव दिए.

टिहरी झील बोट यूनियन के संरक्षक कुलदीप सिंह पंवार ने कहा कि न तो झील में नाव रखने के लिए सुरक्षित जगह है, न ही झील तक पहुंचने का सही रास्ता, पर्यटकों के लिए शौचालय व चेंजिंग रूम, बोट प्वाइंट में कूड़ा निस्तारण, बोट संचालकों के लिए सर्वेयर की सुविधा और कोटी बाजार में पक्की दुकानें भी नहीं हैं। जबकि, पिछले आठ सालों में झील में नावों की संख्या लगातार बढ़ी है. वाटर पैरासिलिंग बोट संचालक अरविंद राणा ने कहा कि नाव संचालकों को सुविधा मिलने पर ही वे बेहतर सोच के साथ पर्यटन विकास के लिए काम कर सकेंगे।

वहीं गंगा नदी पर चौपाल स्थित गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति के अध्यक्ष दिनेश भट्ट, राफ्टिंग गाइड मोहित कुमार ने बताया कि हर साल करीब आठ लाख राफ्टिंग, कैंपिंग व अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए कौडियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में पहुंचते हैं. राफ्टिंग और कैंपिंग से करीब 5000 लोग सीधे जुड़े हुए हैं। जबकि, लगभग दस हजार लोग अप्रत्यक्ष रूप से। ऐसे में अगर सरकार गंभीरता से काम करती है तो उत्तराखंड पर्यटन के नक्शे पर अलग दिखाई देगा। उन्होंने राफ्टिंग क्षेत्र की भूमि को वन विभाग से उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड को हस्तांतरित करने, कौडियाला-मुनिकीरेती इको टूरिज्म जोन में जगह-जगह शौचालय, पेयजल, चेंजिंग रूम की व्यवस्था करने, तपोवन से शिवपुरी के मध्य पार्किग सुविधा उपलब्ध कराने, गंगा में हादसे रोकने को एक रेस्क्यू वाटर एंबुलेंस की व्यवस्था करने जैसे सुझाव भी रखें।