वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद रेलवे क्षेत्रीय स्तर पर भी अत्याधुनिक सुविधाओं वाली वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है. वंदे मेट्रो ऐसे दो शहरों के बीच चलाई जाएगी, जिनके बीच की दूरी 100 से 300 किमी होगी। उत्तराखंड में देहरादून और काठगोदाम के बीच वंदे मेट्रो परियोजना पर काम शुरू हो गया है।

रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, रेल यात्रा को सुखद और आसान बनाने के मकसद से दोनों शहरों के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की योजना है। वंदे मेट्रो ट्रेन एक स्वदेशी हाइड्रोजन आधारित ट्रेन होगी, जिसे भारतीय इंजीनियरों द्वारा डिजाइन किया गया है। इस ट्रेन का निर्माण भारत में किया जाएगा।

वंदे मेट्रो ट्रेन के डिजाइन की घोषणा जून के अंत तक की जाएगी। यह ट्रेन भारतीय रेलवे के लिए क्रांतिकारी बदलाव साबित होगी। वंदे मेट्रो ट्रेन का इंजन पूरी तरह से हाइड्रोजन आधारित होगा। जिससे प्रदूषण शून्य हो जाएगा।

ट्रेनों की संख्या तीन होगी
अगर वंदे मेट्रो ट्रेन देहरादून से काठगोदान के बीच चालू हो जाती है तो इस रूट पर चलने वाली यह तीसरी ट्रेन होगी। वर्तमान में नैनी जन शताब्दी रोजाना देहरादून से काठगोदाम के बीच दोपहर 3:55 बजे और काठगोदाम एक्सप्रेस रात 11:30 बजे चलती है। ऐसे में तीसरी ट्रेन चलाने से इस रूट के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। वंदे मेट्रो ट्रेन कुमाऊं से गढ़वाल के यात्रियों के लिए बेहतर विकल्प होगी।

मसूरी का इतिहास खराब करने और जनता के पैसे बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा.