टिहरी। 17वें राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को जिला अर्थ एवं सांख्यिकी कार्यालय टिहरी गढ़वाल में एक सेमिनार का आयोजन किया गया।

सेमिनार में जिला अर्थ एवं सांख्यिकी कार्यालय के सभी उपस्थित कर्मचारियों ने प्रख्यात सांख्यिकीयविद् प्रशांत चंद्र महालानोबिस को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी, टिहरी गढ़वाल साक्षी शर्मा ने सतत विकास के लिए सांख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार सांख्यिकी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

संदीप कुमारने ने प्रो. महालानोबिस के जीवन परिचय एवं योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि उनका जन्म 29 जून 1893 को कलकत्ता में प्रो. महालानोबिस ने 1912 में प्रेसीडेंसी कॉलेज, कलकत्ता से भौतिकी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और गणित और भौतिकी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए 1913 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लंदन चले गए। 1915 में वापस भारत आकर प्रो. महालानोबिस ने प्रेजिडेन्सी कालेज कलकत्ता में अध्यापन कार्य किया। उनको प्रसिद्धि महालानोबिस दूरी के कारण भी है जो उनके द्वारा सुझाई गयी एक सांख्यिकी माप है।

उनके द्वारा 17 दिसम्बर 1931 को कलकत्ता में भारतीय सांख्यिकीय संस्थान की स्थापना की गयी। भारत सरकार ने 1949 में उन्हें सांख्यिकीय सलाहकार के रूप में नियुक्त किया।उन्होंने 1955 से 1967 तक योजना आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्हें 1968 में भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। प्रो. महालानोबिस के महत्वपूर्ण योगदान की मान्यता में, उनके जन्मदिन, 29 जून को भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस अवसर पर अपर सांख्यिकी पदाधिकारी धारा सिंह , संदीप कुमार, सुरेश चन्द, प्रधान सहायक भवानी दत्त जोशी, वरिष्ठ सहायक नरेन्द्र सिंह रावत, रमन बमराड़ा सहित चन्द्रशेखर, उमेश बिष्ट, देवेश, विनोद कुमार, दीपक कुमार, आशा लाल, राधे कृष्ण मौजूद रहे।

एक्टर अपारशक्ति खुराना ने स्पीति वैली में उठाया कार राइड का लुत्फ़