पौड़ी , पहाड़ न्यूज टीम

कहा जाता है कि जिसकी फरियाद और मन्नतें कहीं नहीं सुनी जाती, उसकी सुनवाई भगवान के दरबार में ही हो सकती है. जी हां, जिला पंचायत के एक कर्मचारी ने सीधे भगवान के दरबार में फरियाद के लिए आवेदन किया है. यह आवेदन किसी मंशा के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार में लिप्त जिला पंचायत पौड़ी के खिलाफ दैवीय कार्रवाई के लिए किया गया है।

दरअसल, विभागीय भ्रष्टाचार से तंग आकर पौड़ी जिला पंचायत कर निरीक्षक अनिल नेगी ने कंडोलिया देवता की शरण ली है. कर निरीक्षक अनिल नेगी ने जिला पंचायत प्रशासन पर उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है। अनिल नेगी ने कहा कि वर्ष 2019 से उनकी ओर से सरकार, प्रशासन और सरकार से जिला पंचायत में हो रही अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की अपील की जा रही थी. फिर भी जिला पंचायत में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर अंकुश नहीं लग रहा है.

साथ ही बताया कि पूर्व आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन की जांच में वर्तमान अतिरिक्त कार्यपालक अधिकारी, प्रभारी अभियंता, अवर अभियंता भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए. बावजूद इसके भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी-कर्मचारी धनबल के कारण नियमित कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर निदेशालय से संबद्धता कराते रहे हैं।

वहीं, कर निरीक्षक अनिल नेगी ने कहा कि कुछ दिन पहले दो नियमित इंजीनियरों की नियुक्ति की गई थी। जिनमें से एक उन्होंने निदेशालय को अटैच किया है। इतना ही नहीं इससे पहले भी दो एएमए निदेशालय को अटैच किया जा चुका है। टैक्स इंस्पेक्टर ने बताया कि चार बार उनकी कैरेक्टर एंट्री को स्पूफ किया जा चुका है. वहीं, कार्यकारी और एएमए स्तर पर उनके कार्यों को सराहनीय बताया गया है। अब उन्होंने न्याय के देवता कंडोलिया से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।