पौड़ी, PAHAAD NEWS TEAM

प्रशासन ने देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के कीर्तिनगर में खनन की अनुमति दे दी है. लेकिन खनन व्यवसायी रातों-रात धन्ना सेठ बनने का सपना देख रहे हैं और मानकों को दरकिनार कर दिन-रात नदी का सीना चीर रहे हैं. प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे इस खनन से अधिकारी भी आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं। ऐसे में कार्रवाई नहीं होने से प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग से रोजाना अधिकारी गुजरते रहते हैं, लेकिन उनकी नजर इस ओर नहीं जा रही है।

बता दें कि कीर्तिनगर में चोपड़ियो ओर जुयालगढ़ में दो-दो खनन पट्टों को मंजूरी दी गई है, लेकिन खनन के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अलकनंदा नदी को यहां खनन के लिए डायवर्ट किया गया है। जिस पर प्रशासन की नजर नहीं है। वहीं प्रशासन ने जहां खनन व्यवसायियों को खनन करने की अनुमति दी है, इसके अलावा अन्य जगहों से भी खनिज निकाले जा रहे हैं. नदी तट पर बड़े-बड़े गड्ढे इस बात के प्रमाण हैं।

स्वीकृत खनन पट्टों में धर्मकांटा भी नहीं लगाया गया है, जिससे इन पट्टों से निकाले जा रहे उपखनिजों को बिना तुलाई ट्रकों के माध्यम से भेजा जा रहा है। वहीं इस मामले में उप कलेक्टर कीर्तिनगर सोनिया पंत का कहना है कि सभी को पट्टों में धर्मकांटा लगाने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही जल्द ही खनन अधिकारी इन खनन पट्टों की जांच भी करेंगे।

पौड़ी में खनन पर प्रशासन सख्त : पौड़ी जिले में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जिला प्रशासन सख्त हो गया है. अब जल्द ही जिले में अतिक्रमणकारियों पर प्रशासन की लाठियां बरसती नजर आएंगी. जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने जिले के सभी सरकारी विभागों को संपत्ति का विभागवार ब्यौरा तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को आदेश जारी करते हुए विभाग की कुल परिसंपत्ति, अतिक्रमण की गई संपत्ति, अभी तक की गई कार्रवाई और अभी तक कोई कदम नहीं उठाए जाने का कारण बताया है.

डॉ. जोगदंडे ने कहा कि सरकारी संपत्ति पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पौड़ी जिले में 12 तहसील, एक उप-तहसील, एक नगर निगम, तीन नगर पालिकाएं और दो नगर पंचायत हैं। जिले में 16 सरकारी विभागों के साथ-साथ कई उपक्रम भी हैं। जिले के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में अतिक्रमण की शिकायतें समय-समय पर प्राप्त होती रही हैं। अतिक्रमण को लेकर जिलाधिकारी ने जिला प्रशासन को अलर्ट मोड में कर दिया है.