पिथौरागढ़ : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ सीमा क्षेत्र में धारचूला झूला पुल के समीप काली नदी में हो रहे निर्माण कार्य में लगे भारतीय मजदूरों व अधिकारियों पर नेपाली नागरिकों ने पथराव कर दिया. जिसमें एक मजदूर घायल हो गया है, जिसका इलाज अस्पताल में चल रहा है. जानकारी के मुताबिक धारचूला इलाके में यह पथराव हुआ. यहां काली नदी पर तटबंध निर्माण का काम चल रहा था।

यह विवाद किसके बारे में बताया जा रहा है। नेपाली नागरिक इस निर्माण का विरोध कर रहे हैं।


एसपी पिथौरागढ़ लोकेश सिंह ने बताया कि घटना आज दोपहर हुई. नदी में चैनेलाइज का निर्माण कार्य चल रहा है। इस दौरान आधा दर्जन से अधिक नेपाली नागरिकों ने भारतीय मजदूरों पर पथराव किया, जिसमें एक मजदूर घायल हो गया. सूचना पर पहुंची पुलिस व जिला प्रशासन की टीम ने स्थिति का जायजा लिया।

जिसमें पता चला कि नेपाली नागरिकों ने सीमा पर पथराव किया है। पूरे मामले में नामजद तीन लोगों समेत कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ धारचूला थाने में मामला दर्ज किया जा रहा है. पुलिस और जिला प्रशासन पूरे मामले की जांच कर रही है। पथराव करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

दरअसल, धारचूला नेपाल और चीन की सीमा से लगा सीमावर्ती इलाका है। धारचूला से चीन सीमा की दूरी 80 किमी है, जहां धारचूला लिपुलेख हाईवे बनाया गया है। लेकिन नेपाल की सीमा धारचूला से ही शुरू होती है। धारचूला में काली नदी के उस पार भारत और नेपाल की सीमा है। काली नदी के एक किनारे भारत है तो दूसरी तरफ नेपाल। काली नदी के आसपास सैकड़ों गांव बसे हुए हैं। इन गांवों में आवाजाही के लिए कई सस्पेंशन ब्रिज बनाए गए हैं। भारत-नेपाल सीमा पर एसएसबी की तैनाती है।

आपको बता दें कि 2020 में भारत और नेपाल के मैत्रीपूर्ण संबंधों में तब खटास आ गई जब नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा जारी किया। इस नक्शे में नेपाल ने काला पानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख के उन इलाकों को अपने क्षेत्र में दिखाया था, जिन्हें भारत उत्तराखंड राज्य का हिस्सा मानता है. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई 2020 को एक विशेष कार्यक्रम में उत्तराखंड के धारचूला से चीन सीमा पर लिपुलेख तक सड़क संपर्क का उद्घाटन किया। इसका विरोध करते हुए नेपाल ने फिर से लिपुलेख पर अपना दावा ठोका था। इसको लेकर दोनों देशों के बीच कई दिनों से तनाव चल रहा था।