बेरीनाग, PAHAAD NEWS

पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग में मां अपनी नवजात बेटी की दुश्मन बन गई. बेटे की चाह में मां ने अपनी नवजात बेटी को जंगल में छोड़ दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के सामने महिला ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। महिला की पहले से दो लड़कियां और एक लड़का है।

पुलिस ने बताया कि उन्हें नरगोली ब्लॉक में दौलीगाड गांव के पास जंगलों में एक नवजात शिशु के शव मिलने की सूचना मिली थी. बेरीनाग एसएचओ प्रताप सिंह नेगी के नेतृत्व में पुलिस टीम वहां पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की तो पता चला कि प्रेमा देवी की पत्नी रमेश चंद्र उपाध्याय निवासी ग्राम दौलीगाड जो गर्भवती थी और अपने तीन बच्चों के साथ 10 मई से लापता है.

इस मामले में पुलिस ने प्रेमा देवी के पति रमेश उपाध्याय से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह चंडीगढ़ में काम करता है और 13 मई को जब वह घर आया तो उसे बताया गया कि उसकी पत्नी गंगोलीहाट में नजर आ रही है. इसके बाद बेरीनाग थाना प्रभारी प्रताप सिंह नेगी पति रमेश उपाध्याय के साथ शनिवार को महिला की तलाश में गंगोलीहाट पहुंचे. प्रेमा देवी अपने तीन बच्चों के साथ गंगोलीहाट में किराए के मकान में रह रही थी। इसके बाद पुलिस महिला को अपने साथ बेरीनाग थाने ले आई।

बेरीनाग थाने में जब महिला से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि छह मई को उसने गांव के जंगलों में एक बच्ची को जन्म दिया था और वहां कपड़े में लपेटकर रख दिया था. अगले दिन महिला फिर जंगल में गई और नवजात बच्ची को कपड़े में लपेट कर गड्ढे में रख दिया । इसके बाद पुलिस महिला को लेकर उसके घर पहुंची, लेकिन वहां कोई शव नहीं मिला। हालांकि जिस जगह महिला ने शव रखने की बात कही थी, वहां से करीब 20 से 25 मीटर दूर एक चीड़ के पेड़ की जड़ पर वो कपड़ा फंसा हुआ था , जिसमें महिला ने नवजात बच्ची के शव को रखने की बात कही थी. इसके बाद पुलिस महिला को वापस थाने ले आई और उसके खिलाफ धारा 315, 317 और 201 के तहत मामला दर्ज कर लिया.