मुनस्यारी , PAHAAD NEWS TEAM

राज्य में पांचवीं बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. चार सरकारें बनी हैं। सीमा से सटे गांवों की तस्वीर और किस्मत जस की तस है। विकास के नाम पर राजनीति करने वाले राजनीतिक दल और उनके प्रतिनिधि लाखों दावे करते हैं, लेकिन सीमांत के गांवों में अभी भी गंभीर रोगियों के लिए डोली ही एंबुलेंस बनी है. तहसील क्वीरीजीमिया के सुदूर गांव में बीमार युवक को गांव के युवाओं ने अपनी जान पर खेल कर डोली से आठ किमी दूर सड़क तक पहुंचाया . जहां से मरीज को वाहन से पंद्रह किमी पैदल चलकर प्राथमिक उपचार मिल सका ।

मुनस्यारी का जैविक आलू और राजमा उगाने वाला गांव क्वीरीजीमिया तहसील मुख्यालय से 23 किमी दूर है। गांव सड़क से आठ किमी की पैदल दूरी पर है। 2001 से हर साल मानसून के दौरान आपदा के कारण सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है। ग्रामीण चट्टानों से गुजरते हैं। इसी गांव के निवासी धीरू रावत पिछले दिनों बुखार से पीड़ित थे। आसपास इलाज की कोई व्यवस्था नहीं होने से उसकी हालत गंभीर हो गई। रविवार को गांव के चार युवक गंगा सिंह, भगवान बृजवाल, भूपाल सिंह व तेज सिंह टोलिया आठ किमी दूर एक डोली पर बीमारों को सड़क पर ले आए. जहां से फिर 15 किमी पैदल चलकर शाम को वाहन मुनस्यारी सीएचसी पहुंचा।

डोली से बीमारों को लेकर आए युवक ने बताया कि गांव से करीब पांच किमी दूर मार्ग जानलेवा बना है. इस रास्ते में खुद को बचाते हुए बीमार को कंधे पर लाना चुनौती थी। आठ किलोमीटर का रास्ता तय करने में करीब तीन घंटे का समय लगा। उन्होंने कहा कि गांव तक सड़क बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी. इस बार चुनाव से पहले सड़क की मंजूरी मिलने की जानकारी दी गई। यहां पता चला है कि सड़क निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली है. सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण पहले भी मतदान का बहिष्कार कर चुके हैं।