रुद्रप्रयाग: जहां पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं अगस्त्यमुनि ब्लॉक का दूरस्थ गांव औरिंग मोटर योग्य सड़क होने के बावजूद समस्याओं से जूझ रहा है. आलम यह है कि सड़क कटिंग के बाद स्थिति ऐसी बनी है कि गाड़ी चलाना तो दूर उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। इसके चलते बीमार मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाने के लिए पालकी और डंडी का सहारा लेना पड़ता है।

मरीज को डंडी कंडी के सहारे ले जाते ग्रामीण

मरीज को कंधे पर 3 किलोमीटर ले जाना पड़ा : ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जब औरिंग गांव के लकवाग्रस्त मरीज पुष्कर सिंह को जरूरत पड़ने पर 3 किलोमीटर दूर डंडी कंडी पर सुरसाल तक ले जाना पड़ा. यहां से उन्हें एक वाहन से श्रीनगर ले जाया गया। दरअसल पुष्कर सिंह लकवे से पीड़ित हैं. उन्हें 10 से 15 दिन में यूरिन बैग बदलने के लिए श्रीनगर जाना पड़ता है।

सोमवार को अचानक उन्हें श्रीनगर जाने की जरूरत पड़ी. लेकिन सड़क बंद होने के कारण उन्हें 3 किमी पैदल चलकर डंडी पर जाना पड़ा। हालांकि पलायन के कारण कई गांव खाली हो गए हैं, लेकिन अब गर्मी की छुट्टियों के चलते गांवों में रहने वाले प्रवासी अपने गृहनगर आ गए हैं.

सड़कों की हालत खराब : गनीमत है कि कई युवा इन दिनों घर आये हैं. ऐसे में उन्होंने शीघ्र ही पुष्कर सिंह को सुरसाल भेजकर कार से श्रीनगर भेज दिया। कहने को तो सुरसाल गांव से औरिंग तक सड़क काट दी गयी है, लेकिन उस पर न तो तारकोल बिछाया गया है और न ही नाली का निर्माण किया गया है. हल्की बारिश के बाद भी इस सड़क पर कीचड़ के कारण चलना मुश्किल हो जाता है।

यहां दिन भर हुई भारी बारिश के कारण जगह-जगह जलजमाव, कीचड़ के कारण इस सड़क पर यातायात ठप हो गया है.

क्या कहते हैं पूर्व बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष : बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य ओरिंग निवासी नरेंद्र कंडारी ने लोनिवि ऊखीमठ की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई बार विभाग से शिकायत की गयी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर विभाग की यही कार्यशैली जारी रही तो ग्रामीणों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

जी20 इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक के मौके पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री धामी ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया