मसूरी :

पिछले दिनों मसूरी स्थित शिफन कोर्ट से हटाए गए परिवारों को आज मसूरी नगर पालिका के बाहर रात गुजारने को मजबूर होना पड़ा। क्योकि ये परिवार शिफन कोर्ट में अवैध तरीके से रह रहे थे। अब जब इसको वहाँ से हटाया गया है पर इनके पुनर्वास के अभी तक कोई व्यवस्था न होने के कारण इन लोगो में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
उधर आज नगर पालिका के बैठक अचानक स्थगित होने से इनलोगो में आक्रोश और बढ़ गया। इसलिए ये लोग वही पर धरना देने बैठ गए।
इन लोगो के पास अपना आवास न होने के कारण इनको इधर उधर भटकना पड़ रहा है।

इस मामले में मसूरी में राजनीति भी बहुत हुई परन्तु इन 84 परिवारों मुश्किलें हल नहीं हुई। अब प्रदेश सरकार को उनके आवास के लिए चिंता होनी चाहिए और उनके रहने के स्थाई वस्था होनी चाहिए।

इधर मनीष गौनियाल ने प्रदेश सरकार से मांग की है की इनलोगो की लिए जल्द से जल्द रहने के लिए वयस्था करनी चाहिए।

मनीष गौनियाल ने कहा है “आज जनता जैसे कोरोना काल में जब रोजगार खत्म हो गए है इस समय प्रदेश सरकार को उनके आवास के लिए चिंता होनी चाहिए और नवरात्रि आने के समय इन्हें उपहार स्वरूप भूमि आवंटित कर दी जानी चाहिए थी। इस समय इन्हें बेघर कर बाहर सोने पर मजबूर किया जा रहा है 2022 में जनता इन्हें तिलक लगाकर बाहर का रास्ता दिखायेगी “