ऋषिकेश : ऋषिकेश के उपजिलाधिकारी नंदन कुमार ने टिहरी विस्थापिट, विस्थापित पशुलोक टिहरी में अवैध निर्माण व आम के बाग में नियमों की अनदेखी की शिकायत मिलने के बाद मौका मुआयना किया. उन्होंने एमडीडीए के अधिकारियों को अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

पिछले एक माह से टिहरी विस्थापित पशुलोक व आम बाग में अवैध निर्माण के खिलाफ लामबंदी कर रहे हैं। लगातार मौके पर जाकर विस्थापित लोग अवैध निर्माण को भी रोकने का काम कर रहे हैं. एमडीडीए द्वारा 6 भवनों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें भी सील कर दिया गया है। लेकिन अभी तक दर्जनों अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लगातार शिकायतें मिलने के बाद अनुमंडल पदाधिकारी ऋषिकेश विस्थापित क्षेत्र पहुंचे और मौके पर धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण को देखा. मौके पर उन्होंने एमडीडीए के अधिकारियों को फोन से कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

स्थानीय निवासी मनीष मैठाणी ने बताया कि अवैध निर्माण के कारण लोगों की हवा और पानी बाधित हो गया है. कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कुछ माफिया डराने-धमकाने का भी प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डिप्टी कलेक्टर के निरीक्षण के बाद कार्रवाई की उम्मीद जगी है.

विस्थापित समन्वय समिति के अध्यक्ष हरि सिंह भंडारी ने कहा कि विस्थापित क्षेत्र में और आम के बाग में जिस तरह बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं, उससे यहां रहने वालों का जीना दूभर हो गया है. उन्होंने बताया कि इस इलाके में एक नहीं बल्कि दर्जनों अवैध निर्माण हो रहे हैं. ऋषिकेश के एसडीएम नंदन कुमार ने बताया कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जा रही है. पिछले हफ्ते 6 बिल्डिंग्स को सील किया गया है। साथ ही कई निर्माणों को चिह्नित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जल्द ही और भी अवैध निर्माणों पर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

7 गांवों की बसावट की प्रक्रिया अंबाग व आसपास के इलाकों के विस्थापित सात गांवों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रशासन ने खुली बैठक की. इस दौरान विस्थापन के आधार पर बंदोबस्त की प्रक्रिया पूरी करने पर सहमति बनी। उन्होंने विस्थापितों की विभागीय समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र बहुउद्देश्यीय शिविर लगाने की भी बात कही है.

प्रवासी समन्वय विकास समिति के सभागार में बुधवार को खुली बैठक का आयोजन किया गया। इसमें विरयाणी, लंबागड़ी, होजीयान, सिरांई, असेना और डोबरा गांव के विस्थापित परिवारों ने भाग लिया। एसडीएम नंदन कुमार ने परिजनों की समस्या सुनने के साथ ही निस्तारण प्रक्रिया को लेकर उनके सुझाव भी लिए। बताया कि वर्ष 2007 में विस्थापन के तहत संबंधित परिवारों को बंदोबस्त प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। जल्द ही सेटलमेंट रिपोर्ट सचिव राजस्व को स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी।