ऋषिकेश : यमकेश्वर प्रखंड के ग्राम पस्तौड़ा के ग्रामीण अभी भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, यहां के ग्रामीणों को जनप्रतिनिधियों और सरकार की उम्मीदों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. यहां सबसे बड़ी समस्या है आगमन, इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीण यहां हवेल नदी पर लंबे समय से स्थायी पुल की मांग कर रहे हैं। 500 मीटर की दूरी तय करने के लिए ग्रामीणों को 5 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। लोगों को गांव से बाहर जाने के लिए हवेल नदी पार करनी पड़ती है।

ये गांवो लक्ष्मण झूला से मात्र 8 किलोमीटर दूर पड़ता है और यहां 2014 में सांसद निधि से रोड पास हुई थी कि गांव तक संपर्क मार्ग बनाया गया था उसके बाद खनन माफियाओं ने रोड खराब कर दी और अब तक रोड का कुछ नहीं हुआ है तो यहां के लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं पिछले कई वर्षों से गांव में रहने वाले विक्रम सिंह राणा रोज गांवो के बच्चों को नदी पार कराते हैं।

इस गांव में करीब 20 परिवार रहते हैं, आज तक इस गांव में सड़क की सुविधा नहीं है। गांव तक पहुंचने के लिए गांव वाले भटूटूगाड़ के पास हेवल नदी पर एक अस्थायी पुल का निर्माण करते हैं, रोडवेज बसों के अभाव में यमकेश्वर प्रखंड के ग्राम पस्तौड़ा के ग्रामीण रोजाना कुछ समय पैदल चलने को मजबूर हैं।

आज भी यमकेश्वर प्रखंड के ग्राम पस्तौड़ा में सरकारी सुविधाओं, रोड लाइट, उप स्वास्थ्य केन्द्रों, नालों, पानी की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पस्तौड़ा में नालियां नहीं होने के कारण सड़कों पर गंदा पानी भर जाने से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. गांव में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए विधायक से लेकर कलेक्टर मुख्यमंत्री तक कई बार समस्या से अवगत कराने के बाद भी सुनवाई नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

ग्रामीणो का कहना है कि आजादी के कई दशक बाद भी उपेक्षा के कारण गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. संसाधनों के अभाव में ग्रामीणों को किसी और शहर में जाना पड़ता है।

ग्रामीणो का कहना है कि सरकार ग्राम पंचायत मुख्यालय में ही सड़क-नाली, मेडिकल रोड, बिजली, पानी जैसी सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रही है, लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी पस्तौड़ा के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं ।

ग्रामीणो का कहना है कि पस्तौड़ा में चिकित्सा के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने के कारण लोग प्राथमिक उपचार के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

ग्रामीणो का कहना है कि गांव में सबसे बड़ी समस्या रोड की है. ग्रामीण इस समस्या से बहुत परेशान है और सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल में जाने वाले बच्चो को उठानी पड़ती है क्योकि उन्हे नदी पार करके जाना पड़ता है जिससे की नदी में बहने का खतरा बना रहता है। नदी पार करते समय स्कूल के बच्चो की किताबे स्कूल ड्रेस भीग जाती है सड़क न होने के कारण ग्रामीणो में बहुत आक्रोश है