रुद्रप्रयाग : ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में पैकेज सात-ए में 1.9 किमी लंबी एस्केप टनल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है.

नरकोटा से खांकरा के बीच परियोजना की यह पहली ऐसी सुरंग है, जो पूरी तरह बनकर तैयार हो गई है। टनल को तैयार होने में 521 दिन लगे।

एप्रोच टनल को पार करने का काम पूरा

परियोजना के हिस्से के रूप में, मैक्स कंपनी ने इस एस्केप टनल का निर्माण किया।
मंगलवार को कंपनी ने इस एप्रोच टनल को नरकोटा से खांकरा के बीच पहला ब्रेक थ्रू कर पार करने का काम पूरा किया।
सुरंग में काम करने वाली कंपनी के कर्मचारियों ने ब्रेक थ्रू के बाद खुशी जाहिर की।

रात और दिन का श्रम

आरवीएनएल के परियोजना प्रबंधक सुरेंद्र कुमार आर्य ने बताया कि मैक्स कंपनी के 500 से अधिक इंजीनियरों, विशेषज्ञों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के कारण यह काम पूरा हुआ.
बताया कि अक्टूबर तक मुख्य सुरंग को पार करने का लक्ष्य रखा गया है.
मैक्स इन्फ्रा के जीएम राजेश कुमार ने कहा कि उनकी पूरी टीम ने बहुत ही कम समय में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दिन रात मेहनत की.
यह परियोजना की पहली सुरंग है जो ब्रेक थ्रू हुई है।

आरवीएनएल परियोजना निदेशक एसके आर्य, मैक्स इन्फ्रा के सीएमडी पी. कुमार, सीईओ वीएस चौहान, जीएम राजेश कुमार, प्रोजेक्ट मैनेजर वी. खेत्रपाल, सीनियर साइट इंजीनियर प्रफुल्ल रमोला, एचआर राजेंद्र भंडारी, एजीएम संजय कुमार व राजेश राय, डीजीएम संदीप जैन आदि इस मौके पर मौजूद रहे ।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की विशेषताएं एक नजर में

कुल लागत 16216 करोड़ रुपये
साल 2019 में शुरू हुआ काम, साल 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य
कुल लंबाई 126 किमी लंबी
105 किमी की लाइन 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी
सबसे लंबी सुरंग 14.08 किमी (देवप्रयाग से जनासू के बीच)
सबसे छोटी सुरंग 200 मीटर (सिवाई से कर्णप्रयाग के बीच)
छह किमी से अधिक लंबी 11 सुरंगें

परियोजना के तहत बनेंगे 13 स्टेशन

यहां बनेंगे 13 स्टेशन : इस परियोजना के तहत वीरभद्र, योग नगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, व्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर (चौरास), धारी देवी, रुद्रप्रयाग (सुमेरपुर), घोलतीर, गौचर व कर्णप्रयाग (सेवई) में 13 स्टेशन बनाए जाने हैं।