रुद्रप्रयाग : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण और नवनिर्माण कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है. केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने वायुसेना की मदद ली है. गौचर हेलीपैड से वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से विभिन्न निर्माण सामग्री के परिवहन का कार्य शुरू कर दिया गया है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि केदारपुरी में चल रहे निर्माण कार्यों को गुणवत्तापूर्ण समय पर पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद केदारनाथ में कई निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं और कई काम पूरे होने वाले हैं।

करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम 20 किलोमीटर से भी ज्यादा की कठिन चढ़ाई से पहुंचा जा सकता है। ऐसे में तेजी से हो रहे निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए निर्माण सामग्री का परिवहन किया जा रहा है.

बता दें कि केदारनाथ धाम (उत्तराखंड केदारनाथ धाम) को भव्य रूप दिया जा रहा है, ताकि मंदिर को और खूबसूरत बनाया जा सके। वहीं कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ धाम के गर्भगृह को सोने से सजाया गया. मंदिर के अंदर गर्भगृह की दीवारों, जलेरी और छत को 550 सोने की परतों से नया रूप दिया गया है। दो एएसआई अधिकारियों की देखरेख में काम पूरा हुआ। बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने महाराष्ट्र के एक डोनर की मदद से यह काम किया है।

बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया था कि केदारनाथ धाम के गर्भगृह की दीवारों और छत की मरम्मत 19 कारीगरों ने 3 दिन में की थी. 550 सोने की परतों से सजाया गया है। जिसकी आईआईटी रुड़की, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की और एएसआई की 6 सदस्यीय टीम ने धाम का निरीक्षण किया।