हल्द्वानी। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले की एक महिला टैक्सी ड्राइवर की कहानी इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग उनकी तारीफ करते नहीं थकते। आज के समय में हर महिला आत्मनिर्भर बनना चाहती है और इसी के तहत रानीखेत के सुदामापुरी में रहने वाली रेखा पांडे चर्चा का विषय बन गई हैं. रेखा पांडे उत्तराखंड की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर हैं। यह रानीखेत से हल्द्वानी और हल्द्वानी से रानीखेत तक दैनिक सवारी लेती है। वह टैक्सी चलाकर अपना घर चला रही है। उत्तराखंड के परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने भी रेखा से फोन पर बात की और उनकी तारीफ करते हुए उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।

रेखा पांडे ने घर की दहलीज पार कर रही टैक्सी का स्टीयरिंग व्हील क्यों पकड़ा? यह उनका निजी फैसला हो सकता है, लेकिन इस फैसले ने हजारों महिलाओं को रास्ता जरूर दिखाया है। भविष्य में जब भी उत्तराखंड में महिलाएं टैक्सी चलाएंगी तो इसका सारा श्रेय रेखा पांडे को दिया जाएगा।

रेखा ने पहाड़ न्यूज़ से खास बातचीत में बताया कि वह मूल रूप से बागेश्वर जिले के गरुड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले भेटा की रहने वाली हैं. उनका सुसराल रानीखेत में है. वह पिछले दो महीने से रानीखेत से हल्द्वानी के बीच टैक्सी चला रही हैं. उनके पति जो कि भारतीय सेना से रिटायर हैं, वह टूर एंड ट्रैवल के कारोबारी थे. तबीयत खराब होने के बाद काम को कोई और संभाल रहा था लेकिन घाटा होने की वजह से रेखा ने घर की आर्थिक जिम्मेदारी खुद उठाने का फैसला किया.

उसने आगे कहा कि वह पिछले दो महीनों से टैक्सी चला रही है। यह रानीखेत से हल्द्वानी तक यात्रियों की सेवा कर रही है। रेखा तीन बेटियों की मां हैं। उन्होंने समाज के ताने-बाने से ज्यादा परिवार की जरूरतों को प्राथमिकता दी और टैक्सी बिजनेस में एंट्री ली। लाइन में लगे टैक्सी वाले भी उनके जज्बे को सलाम करते हैं. उनका कहना है कि रेखा ने हमारे राज्य में एक ऐसी रेखा खींच दी है, जिसे मिटाया नहीं जा सकता।

रेखा पांडे की आत्मनिर्भरता ने सबका दिल जीत लिया है. उसके पास कैरियर के अन्य अवसर भी हैं लेकिन वह इस समय स्वरोजगार पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। रेखा डबल MA है । साथ उन्‍होंने मास्टर्स इन सोशल वर्क और वकालत की पढ़ाई की है। रेखा का कहना है कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनना होगा, ऐसा करने पर उनका परिवार स्वत: ही सशक्त हो जाएगा।

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