जौनपुर , PAHAAD NEWS TEAM

हेलो दोस्तों आप कैसे हो उम्मीद करता हूं कि आप सब लोग ठीक होंगे दोस्तों आज मेरे साथ है जौनपुर की फेमस गायिका सीमा चौहान जी है। जौनपुर क्षेत्र की जितनी भी महिलाए सिंगर है उनसे मैंने मुलाकात करने का सिलसिला जारी रखा है तो उसी सिलसिले में आज में आपकी मुलाकात जौनपुर की फेमस गायिका सीमा चौहान से करवाऊंगा।

सबसे पहले मैं नमस्कार बोलूंगी पहाड़ न्यूज़ वालों को जिन्होंने मेरा इंटरव्यू लिया है आज मैं बहुत भाग्यशाली समझ रही हूं क्योंकि यह मेरे क्षेत्र के भी है आज से पहले मैं आपको नहीं जानती थी हमारी बात सिर्फ फोन पर ही हुई थी आज मैंने आपको देख भी लिया है जब आपने फोन किया था तो आपने अपना नाम ही बताया था आज आप हमारे घर पर आए हैं तो आज आप से मुलाकात भी हो गई है। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आप मेरे क्षेत्र के हैं और और पहाड़ न्यूज़ से आप आते हो आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा।

पहाड़ न्यूज़ के रिपोर्टर उपेंद्र रावत ने फेमस गायिका सीमा चौहान से कुछ बाते की और ये उनकी बातों के मुख्य अंश है।

आप गायिका क्षेत्र में कैसे आई क्या आपको बचपन से ये शौक था ?

मुझे बचपन से ही शौक था जब मैं दूसरी और तीसरी क्लास में पहुंची तो मैं गुनगुनाती रहती थी । टीचर पूछते थे कि आपको क्या बनना है तो मैं कहती थी कि मुझे सिंगर बनना है।

आपका पहला गाना कौन सा है ?

मेरा पहला गाना शीला घस्यारी के नाम से है जो फेमस रहा है गाने तो मेरे बहुत बहुत है. लेकिन वह पब्लिक ने इतने लाइक नहीं करे हैं पहले लोग मुझे जानते भी नहीं थे लेकिन अब धीरे-धीरे जाने लगे हैं .

यह मेरा गाना काफी हिट रहा है लोगों को काफी पसंद आया है। यह गाना मैंने स्टेज शो में भी गया था जिसे लोगों ने बहुत पसंद किया था जब तक यह गाना चला है तब से मेरा स्टेज शो भी शुरू हो गया था इससे पहले मैंने स्टेज शो नहीं किया था।

गायिका में आपको घरवालों का कितना सपोर्ट मिला ?

मुझे मम्मी पापा से बहुत सपोर्ट मिला है हमारी भी जॉइंट फैमिली थी। जॉइंट फैमिली ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। मेरे पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया और मैं गायिका के क्षेत्र में आगे बढ़ गई। पापा ने ने मुझे बहुत सपोर्ट किया उन्होंने मेरे पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था।

अपने गांव और अपने ससुराल का नाम बताएगी।

मैं रहने वाली टिहरी गढ़वाल की हूं मेरा मायका टिहरी गढ़वाल से हैं और मेरा जो ससुराल है वह उत्तरकाशी में है।

अपने गाने के माध्यम से जौनपुर की संस्कृति को जिंदा रखा हैआपको घर से फुल सपोर्ट मिला है

आपका आइडल सिंगर कौन है ?

मैं महेंद्र चौहान के गाने ज्यादा सुनती थी अगर जौनपुर की बात करें तो मैं मीना दीदी के गाने ज्यादा सुनती थी। क्योंकि चौहान जी के गाने में जौनसारी का मिक्सर था .

आपने गाने का काम कब से शुरू किया ?

शीला घस्यारी का गाना मैंने 2010 में निकाल दिया था तब से मेरा कैरियर चल रहा है उसके बाद मैंने दो-तीन साल का गैप कर दिया था मैंने मूड बना लिया था कि अब मैं इस लाइन में नहीं जाऊंगी।

आप यह लाइन क्यों छोड़ रही थी ?

घरवाले तो मेरा पूरा सपोर्ट कर रहे थे। लेकिन मेरे अंदर बचपना था जैसे किसी ने बोल दिया कि यह लड़की क्या कर रही है वो कहां जा रही है वो बात मैंने दिल लागा ली थी। फिर मैंने इस लाइन पर नहीं जाने का फैसला किया था।

आप इस गायिका का श्रेय किसे देना चाहेंगी ?

मैं अपने माता पिता को ही इसका श्रेय देना चाहूंगी क्योंकि अगर वह मुझे सपोर्ट नहीं करते तो मैं आज गायिका नहीं बन पाती यह जो में हूं अपने माता-पिता की वजह से ही हूँ ।

जो गायिका के क्षेत्र में आना चाहते हैं उन्हें आप क्या मैसेज देना चाहेंगी ?

जो भी अपनी संस्कृति के लिए इस लाइन में काम करना चाहते हैं आप बिल्कुल आइए और खुलकर काम करिए , दूसरों के गाने की नकल मत करना अपने गाने बनाना यही एक सच्चे कलाकार की पहचान है।

जब आप स्टेज शो करती हैं तो पब्लिक का सपोर्ट कैसा होता है ?

पब्लिक तो पब्लिक होती है पब्लिक का सपोर्ट स्टेज शो के लिए बहुत जरुरी है .कलाकार के लिए पब्लिक ही बहुत कुछ है । पब्लिक की पसंद अलग अलग होती है

गायकी के क्षेत्र में पुरुषों का व्यवहार महिलाओं के साथ कैसा रहता है ?

पुरुषों का सपोर्ट यहाँ बहुत अच्छा रहता है मैं 2009 और 2010 से यहाँ काम कर रही हूँ। हमें वहाँ पुरुष बहुत सपोर्ट कर रहे हैं वहां पर पुरुष लोग हमें बहुत इज्जत देते हैं और पुरुष लोग हमें काम बहुत अच्छी तरह से समझाते हैं इसलिए हमें वहां कोई दिक्कत नहीं होती है.

जो हमारी उत्तराखंड की संस्कृति है वह बाहर के देशों तक भी पहुंचे इसलिए वीडियो को जल्द से जल्द शेयर करे ।