टिहरी, पहाड़ न्यूज़ टीम

उत्तराखंड में आजादी के 75 साल बाद भी कई ऐसे गांव हैं, जहां सड़क नहीं है. गांवों में सड़क नहीं होने से बीमार बुजुर्ग व महिलाओं को प्रसव के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ताजा मामला टिहरी जिले के धनोल्टी का है जहां सड़क न होने के कारण प्रसव पीड़ा से जूझ रही अंजू देवी ने धनोल्टी लग्गा गोठ से रात में 5 घंटे का सफर तय किया और अस्पताल पहुंचीं.

आपको बता दें, 22 जून की रात धनोल्टी लग्गा गोठ निवासी अंजू देवी सोनू गौड़ की पत्नी धनोल्टी लगा गोठ से पैदल जंगल के बीचों बीच से उबड़ खाबड़ रास्ते होते हुए निकले और धनौल्टी पहुंचते-पहुंचते 5 घंटे का समय लग गया। सड़क नहीं होने के कारण सोनू गौड़ सुनसान उबड़ खाबड़ जंगल के रास्ते अपनी धर्मपत्नी अंजू देवी को लेकर सुबह धनोल्टी पहुंचे।

उसके बाद उसे निजी वाहन से मसूरी अस्पताल ले जाया गया। वहां पहुंचते ही उसने बच्चे को जन्म दे दिया। उसने एक बेटे को जन्म दिया। सोनू गौड़ ने रात में वीडियो के जरिए अपना दर्द सभी जनप्रतिनिधियों और सरकारी प्रतिनिधियों तक पहुंचाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सरकार विकास के कई दावे करती है, लेकिन हकीकत यह है कि आजादी के बाद भी हम गुलामी के रास्ते का सामना कर रहे हैं. सड़क नहीं होने से आज भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले भी धनोल्टी
लग्गा गोठ इलाके में रास्ते में कई लोगों की मौत हो चुकी है.

धनोल्टी लग्गा गोठ राजस्व ग्राम क्षेत्र के अंतर्गत चूलीसैंण चोरगढ़, झालकी, पिरियांणा आदि क्षेत्रों में 250 से अधिक लोग रहते हैं। विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी धनोल्टी से सटा एक क्षेत्र है, जहां उच्च अधिकारी और राजनेता आते रहते हैं। जनप्रतिनिधियों से सड़क की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन वादों के सिवा कुछ भी हाथ न लगा, जिससे गांव के मासूमों को पैदल चलकर खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.