टिहरी , पहाड़ न्यूज टीम

उत्तराखंड के संगीत जगत से बेहद दुखद खबर आ रही है। उत्तराखंड संगीत जगत का युवा और प्रतिभाशाली चेहरा गुंजन डंगवाल की पंचकूला चंडीगढ़ पंचकूला में भीषण सड़क हादसे में निधन हो गया है. तभी से उत्तराखंड लोक-संगीत जगत में शोक की लहर है। इस दुखद खबर से हर कोई स्तब्ध और दुखी है।

बताया जा रहा है कि गुंजन डंगवाल किसी जरूरी काम से चंडीगढ़ गए थे । जहां पंचकूला में भीषण सड़क हादसा हो गया. जिसमें गुंजन की मौके पर ही मौत हो गई। यह दुखद समाचार मिलने के बाद गुंजन के माता-पिता सहित परिवार के कई सदस्य चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं। उनके कई करीबी भी लगातार अस्पताल पहुंच रहे हैं.

टिहरी, घनसाली के अखोडी गांव में जन्में गुंजन डंगवाल को बचपन से ही गाने और संगीत का शौक था. उन्होंने कई संघर्षों से गुजरे और संगीत की शिक्षा ली और बहुत ही कम समय में वह मुकाम हासिल किया। लोगों को उस तक पहुंचने में सालों लग जाते हैं। बहुत कम उम्र में उन्होंने अपने संगीत में आछरी जागर- ” चैता की चैत्वाली,पहाड़ी अ-कापेला,नंदू मामा की स्याली,ऊडांदू भौंरा जैसे शानदार गीतों को पिरोया। यही कारण है कि गुंजन का संगीत नया है। गुंजन का संगीत गढ़वाल-कुमाऊं के लोक मानस में नई छाप के साथ विद्यामान है ।

गुंजन इन दिनों पहाड़ी अ-कपेला 3 की तैयारी कर रहे थे । जिसकी जानकारी उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को दी थी. लेकिन आज इस युवा गीतकार की इस तरह सड़क हादसे में मौत की खबर ने पूरे उत्तराखंड संगीत जगत को झकझोर कर रख दिया है.

लोक गायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी,जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, संगीतार वीरेंद्र नेगी,संजय कुमोला,मीना राणा,राजेंद्र चौहान,कल्पना चौहान,अमित सागर और कई अन्य लोक गायकों और कलाकारों ने अपनी संवेदना व्यक्त की है।