टिहरी , पहाड़ न्यूज टीम

टिहरी जिले के जौनपुर विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम सनब के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती है और देश विदेश में छा जाती हैं । रेशमा शाह का संगीत का सफर काफी कठिनाइयों वाला रहा हैं इसके बाबजूद भी उन्होंने हार नही मानी अपने कैरियर को आगे बढ़ाती रही, उन्होंने उस टाइम पर अपना संगीत का सफर शुरू किया जब लोग महिलाओं का गाना गाना पसंद नही था ।
आज़ रेशमा शाह संगीत के क्षेत्र में काफी नाम कमा रही है और यूट्यूब पे काफी गाने आ रहे है जो की लोगो को काफी पसंद आ रहे है

जौनपुर लोकगायिका रेशमा शाह जिन्होंने अपनी संस्कृति की झलक अपने गीतों से दुनिया को दिखाया। उत्तराखंड एवं जौनपुर की लोकगायिका रेशमा शाह ने कई जौनपुर गीतों को आवाज दी है,

उत्तराखंड का जौनपुर क्षेत्र अपनी पारम्परिक संस्कृति के लिए जाना जाता है,अपने रहन सहन एवं वेशभूषा के लिए उत्तराखंड की संस्कृति को जीवित रखने में अपनी अहम् भूमिका निभाता है,प्रसिद्ध महासू देवता इसी भूमि पर विराजमान हैं दूर दूर से भक्त महासू देव के दर्शनों को आते हैं।

जौनपुर नृत्य और संगीत एक अलग पहचान रखता है,और पारम्परिक वेशभूषा में सजे पुरुष एवं महिलाएं इसकी छठा को और भी निराली बनाते हैं,उन्हें अपने संस्कृति से बेहद लगाव है और इसी लगाव के कारण आज के दौर में भी जौनपुर वासी अपने लोकसंगीत को महत्त्व देते हैं।जौनपुर लोकनृत्य में हिमाचल के प्रसिद्ध नृत्य नाटी की झलकियां देखने को मिलती हैं

पहाड़ न्यूज टीम ने उनसे बात की है जाने उसके कुछ अंश

आपने सिंगिंग कब शुरू की

आपने मेरे काफी इंटरव्यू में देखा होगा कि में अपने जीवन में बहुत मेहनती रही हूँ . मैं कभी-कभी मन में सोचती थी कि मुझे और मेरी जैसी कुछ और लड़कियों को बहुत सारी प्रेरणा लेनी चाहिए। जिस स्थिति में मैं यहां तक पहुंची हूं मां सरस्वती का आशीर्वाद मेरे साथ था और मेरी मां का आशीर्वाद मेरे साथ रहा है। मैंने यहाँ तक पहुंचने की उम्मीद नहीं की थी।

सबसे पहले यह कहते हैं कि मां उंगली पकड़ कर चलना सिखाती है मेरी मां ने मेरा बहुत साथ दिया लेकिन आज मेरी मां मेरे साथ नहीं है. लेकिन उनका आशीर्वाद मेरे साथ है .

जो मेरी सिंगिंग की शुरुआत हुई वह मेरे स्कूल से हुई थी और मैंने नैनीताल की रामलीला में भी काम किया है. आर एस त्यागी जी है जिन्हे में अपना गुरु मानती हूँ। उन्होने ही मुझे हारमोनियम बजाना सिखाया था मेरी सिंगिंग की शुरुआत नैनबाग से हुई। और फिर मेरे गाने की शुरुआत पाक से हुई थी।

जो मेरा पहला गाना था वह टेप रिकॉर्डर पर रिकॉर्ड हुआ था

रेशमा शाह एक ऐसी कलाकार है जिन्होंने अपना कैरियर प्रोफेशनल तरीके से किया है. जब किसी को महिलाओं का गाना भाता नहीं था हमारे क्षेत्र में महिलाओं को इतना सपोर्ट नहीं किया जाता था। लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी हार नहीं मानी और और अपने सिंगिंग कैरियर को आगे बढ़ाते रहे और उन्होंने अपना मुकाम हासिल कर लिया . इनकी अपनी एक अलग पहचान है पहले लोग जो इन्हें सपोर्ट नहीं करते थे अब वे सपोर्ट करते हैं

आपको सिंगिंग के काम में कितनी मुसीबत आई है बताइए

आज के समय में यूट्यूब और मीडिया का जमाना है और जब कि पहला ऐसा कुछ भी नहीं था और हम लोगों को किसी का सपोर्ट नहीं मिला था पहले , अब सबको सपोर्ट मिल रहा है मेरा ही जीवन ऐसा रहा है कि अगर मैं एक दिन रिकॉर्डिंग के लिए दिल्ली में जा रही हूं तो गांव के लोग यह कहते थे कि वह तो दिल्ली गई रिकॉर्डिंग के लिए पता नहीं किसके साथ भाग गई और अब क्या होगा ऐसे परेशान करते थे लोग

हमारी लड़की इतने बर्बाद कर दी और मैं इतना सुनने के बाद खून के आंसू रोती थी 1 दिन में दिल्ली गई थी चमोली भाई की रिकॉर्डिंग के लिए और दिल्ली में तो एक हफ्ता लग ही जाता है रिकॉर्डिंग के लिए और जब तक मैं वापस आई तो लोगों ने घर पर यह बोल दिया कि वह तो भाग गई उन्होंने तो हमारे यहां के लोगों को बर्बाद कर दिया और हमारे बच्चों की भी जिंदगी खराब कर दी और इसके बाद में बहुत रोई और फिर मेरी भाभी जी ने मुझे बहुत समझाया कि जब तेरे में टैलेंट है तो तुझे कोई नहीं रोक सकता है तू आगे बढ़कर सिंगिंग कर और लोगों को बता दे कि मैं कितना अच्छा गा सकती हूं। और भाभी जी ने कहा तुझे रोना नहीं चाहिए तुझे हम तुझे सपोर्ट करेंगे और तू आगे बढ़कर सिंगिंग कर। जब दिल्ली में रिकॉर्डिंग हुई तो मेरे बड़े भाई रमेश शाह भी मेरे साथ थे। मेरे भाई ने भी मुझे बहुत सपोर्ट करा और कहीं बार मेरे भाई और मैं पार्क से पैदल घर आते थे

मैंने कांटो पर चलकर फूल उगाए है और मैंने जीवन में बहुत चुनौतियों का सामना किया है और फिर मैं बढ़ती चली गई।

मैं यही बोलना चाहती हूं फिर जीवन में हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। और उसके बाद मंजिल जरूर मिलती है. क्योंकि मेरे जीवन में ऐसा हुआ है इसलिए मैं आपको बता रही हूं।

मैंने अपनी जौनपुर की गायिका मंजू नौटियाल और सीमा चौहान का भी इंटरव्यू लिया जिन्होंने मुझे यह बताया कि हम रेशमा शाह दीदी को अपना आइडियल मानते हैं अगर वे मुझे इतना लाइक करती है तो मैं उन्हें बहुत धन्यवाद देती हूं.

मेरा अगला सवाल जो आप को लाइक करते हैं और इस फील्ड में आना चाहते हैं उनको आप क्या संदेश देना चाहते हैं

मैं बस आपको इतना कहना चाहती हूं कि अगर आपमें टैलेंट है तो आप जरूर आगे आएंगे अगर घरवाले सपोर्ट नहीं कर रहे है तो आप मम्मी या पापा में से एक को समझाइए और उन्हें बताइए कि हमारे अंदर कितना टैलेंट है।

मुझे बहुत खुशी होती है कि आज कल जौनपुर की लड़कियां बहुत अच्छा गा रही है . मेरे अंदर कोई घमंड नहीं है मैं हमेशा जो सीखने वाले गायक होते हैं मैं उनकी मदद करना चाहती हूं. जिससे कि वो सिंगिंग में आगे निकल आये।

और अगर आपके पास कोई जुनून है तो कोई आप को रोक नहीं सकता और आप आगे बढ़ते जाएंगे। मेरे अंदर तो बहुत जुनून था इसलिए में आगे आ गयी हूँ . आप तो भाग्यशाली हो जो आपके पास सिंगिंग के लिए इतने साधन है हमारे पास तो इतने साधन नहीं थे।

क्या आपको ऐसे भी लोग मिले हैं जिन्होंने ये कहा हो कि आपने ये क्या गाया है

लेकिन ऐसा कभी हुआ नहीं है लोगों ने हमारे काम को सलाया ही है और तारीफ की है। मुझे तो आज तक किसी ने गाली नहीं दी है मेरी ओडियन तो मुझे बहुत प्यार करती है।

हमें अपना कल्चर नहीं भूलना चाहिए , जिस प्रकार करोना आया लोग शहर छोड़ कर वापस गांव आ गए और गांव में ही जीवन यापन करने लगे और कुछ ने गांव में अपना रोजगार लगा लिया जो यह दर्शाता है. कि हमने कितनी बड़ी ताकत है अगर हम अपने पर आ जाए।