नई टिहरी , पहाड़ न्यूज टीम

टिहरी झील को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की लंबे समय से चल रही कवायद आकार लेने लगी है। टिहरी झील विकास परियोजना के लिए केंद्र सरकार के 1800 करोड़ रुपये मंजूर करने के फैसले से स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि टिहरी को चार चांद लगने की उम्मीद लगा रहे हैं . इस परियोजना से झील क्षेत्र के ढांचागत विकास के साथ-साथ इसके आसपास नए पर्यटन स्थलों का भी विकास किया जाएगा। इस बढ़ते पर्यटन व्यवसाय से स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के द्वार भी खुलेंगे।

टिहरी को एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अथक प्रयास कर रही हैं। अब इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 1800 करोड़ की मंजूरी दी है. एडीबी और ब्रिस बैंक की टीम इसी माह टिहरी झील का दौरा करेगी और डीपीआर के अनुसार पर्यटन विकास परिषद को स्वीकृत धनराशि जारी करेगी। इसके बाद तिवाड़गांव, डोबरा, पिपलडाली में नए बोटिंग प्वाइंट, तिवाड़गांव, सांदणा को होम स्टे ग्राम बनाने, व्यू प्वाइंट, हर्बल गार्डन, एडवेंचर पार्क, साइकिल पार्क, योगा पार्क, पंचक्रम, आयुष ग्राम, म्यूजियम, मल्टी लेवल स्टोरी पार्किंग, शौचालय, स्वीमिंग पुल, कोटी से डोबरा तक रिंग रोड से लेकर नई टिहरी, बौराड़ी शहर का सौंदर्यीकरण, एकीकृत सूचना केंद्र, मनोरंजन कांप्लेक्स, एक्वेटिक कांप्लेक्स, थ्री स्टार बुटीक होटल, स्मार्ट इन्फ्रॉस्ट्रक्चर, जैव विविधता पार्क, पौधरोपण, लाइट एवं साउंड लेजर शो से लेकर टिपरी-मदननेगी रोपवे का विस्तारीकरण आदि कार्य किए जाएंगे। अगर सरकार का यह अभियान जल्द ही धरातल पर उतरता है तो आने वाले दिनों में यह झील विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बन जाएगी। इससे होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, नाव, परिवहन समेत अन्य कारोबारों को फायदा होगा.

वे कहते हैं-

केंद्र सरकार ने एडीबी से ऋण लेकर टिहरी झील परियोजना के विकास को मंजूरी दी है। एडीबी की टीम इसी महीने टिहरी का दौरा करेगी। इसके बाद एडीबी झील क्षेत्र के पर्यटन विकास के लिए डीपीआर के अनुसार धनराशि जारी करेगा।

-डा. पीके पात्रो, सीईओ टाडा।

मैं टिकाऊ पर्यटन को विकसित करने के लिए टिहरी झील के समग्र विकास और इसके जलग्रहण परियोजना के अनुमोदन का स्वागत करता हूं। मेरा प्रयास रहेगा कि स्थानीय निवासियों को इस योजना का लाभ मिल सके। यह योजना स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी दूर करने में मददगार साबित होगी।

किशोर उपाध्याय, विधायक टिहरी।

टिहरी बांध से सबसे ज्यादा नुकसान प्रतापनगर को हुआ है। ऐसे में इस परियोजना में क्षेत्र के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने को अधिक महत्व दिया जाना चाहिए. परियोजना में शामिल गतिविधियों को भी जन प्रतिनिधियों के साथ साझा किया जाना चाहिए।

विक्रम सिंह नेगी, विधायक प्रतापनगर

इस योजना को ठीक से लागू किया जाना चाहिए। योजना में रोजगार सम्बन्धी बिन्दु को और अधिक प्रमुखता दी जाये ताकि वर्षों से सरोवर में बेहतर भविष्य की आस में बैठे युवाओं को लाभ मिल सके।

-नरेंद्र रावत, अध्यक्ष बोट यूनियन टिहरी.