टिहरी , पहाड़ न्यूज टीम

सोशल मीडिया पर सुरकंडा देवी रोपवे में पर्यटकों के साथ टिकट में गड़बड़ी का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें पर्यटकों का आरोप है कि रोपवे पर जाने के लिए उनसे टिकट के पैसे काटे गए, लेकिन उन्हें रोपवे से नहीं भेजा जा रहा है. गुस्साए पर्यटकों ने प्रशासन से मामले में कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल, सुरकंडा देवी रोपवे टिकट को लेकर पर्यटकों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पर्यटकों का आरोप है कि रोपवे कर्मचारी उनसे टिकट के पैसे काट रहे हैं, लेकिन उन्हें ट्रॉली में नहीं बैठा रहे हैं. एक पर्यटक ने ट्रॉली से नीचे उतारने का भी आरोप लगाया है। पर्यटकों का कहना है कि आज गंगा दशहरा के अवसर पर वे माता सुरकंडा देवी के दर्शन करने आए थे। लेकिन टिकट होने के बावजूद उन्हें रोपवे पर नहीं बैठने दिया जा रहा है. रोपवे संचालक उन्हें पैदल जाने को मजबूर कर रहे हैं। वहीं, इनके साथ छोटे बच्चे भी हैं।

गौरतलब है कि 1 मई को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर के लिए रोपवे सेवा की आधिकारिक शुरुआत की थी. हालांकि रोपवे की शुरुआत अप्रैल में हुई थी। वहीं सीएम धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी लॉन्च के मौके पर रोवपे से सुरकंडा देवी मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-समृद्धि की कामना की. सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए करीब 5 करोड़ की लागत से रोपवे तैयार किया गया है। जिसकी लंबाई 502 मीटर है।

सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट में 6 टावरों की मदद से 16 ट्रॉलियों का संचालन किया जा रहा है। प्रत्येक ट्रॉली में 4 यात्रियों के बैठने की अनुमति है। रोपवे से आने-जाने का किराया 177 रुपये रखा गया है। रोपवे से श्रद्धालुओं का करीब डेढ़ से दो घंटे का सफर बच रहा है। ऐसे में श्रद्धालु महज 10 से 20 मिनट में मंदिर पहुंच रहे हैं, लेकिन रोपवे संचालक पर मनमानी का आरोप लगाया जा रहा है.

बता दें कि टिहरी के कद्दूखाल इलाके में स्थित सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी के दर्शन के लिए रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 2,750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक करीब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई है, जिस पर चढ़ने में करीब डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है, लेकिन रोपवे सेवा शुरू होने से यहां आने वाले श्रद्धालुओं को डेढ़ किलोमीटर खड़ी चढ़ाई से राहत मिली हैं । खासकर उन लोगों को बड़ी राहत मिल रही है, जो चल-फिर नहीं पा रहे हैं।