तीन साल बाद भी ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग पर बनी ऑल वेदर सड़क की सुरंग से प्रभावित परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया है. मुआवजा नहीं मिलने से प्रभावित परिवार जान जोखिम में डालकर जीने को विवश है जबकि एक परिवार किराए के मकान में रहता है। ग्रामीण लगातार प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन बीआरओ और प्रशासन प्रभावितों को मुआवजा नहीं दे रहा है.

मंज्यूड़ से डोभाल गांव तक 500 मीटर ऑल वेदर रोड की सुरंग बनने से 20 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं. चंबा बाजार के समीप ऋषिकेश रोड स्थित सोबन सिंह नेगी की तीन मंजिला इमारत व दुकान दो वर्ष पूर्व क्षतिग्रस्त हो गई थी। दिसंबर 2020 में प्रशासन ने सोबन सिंह से मकान खाली कराकर किराए के मकान में शिफ्ट करा दिया, जबकि मंज्यूड़, गुल्डी, मठियाण आदि गांवों में 29 अन्य परिवारों के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गईं .

जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को मुआवजे के भुगतान के लिए 20 करोड़ का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा था. हालांकि काफी समय बीत जाने के बाद भी प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हुआ, जिससे प्रभावित परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया. मंज्यूड प्रधान कुसुम नेगी ने कहा कि प्रभावित परिवार जर्जर मकान में रहने को मजबूर हैं.

प्रशासन से बार-बार मांग करने के बावजूद पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं दिया गया है. इस संबंध में अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा का कहना है कि मुआवजे के लिए राशि मांगने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. धनराशि प्राप्त होने पर भुगतान कर दिया जायेगा।

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