टिहरी, PAHAAD NEWS TEAM

कांग्रेस के पूर्व पीसीसी अध्यक्ष और टिहरी से वर्तमान में बीजेपी विधायक किशोर उपाध्याय को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है. किशोर उपाध्याय को अपना हनुमान बताते हुए हरीश रावत ने कहा कि इस बार हमारे हनुमान लंका विजय के समय रावण के कक्ष में बैठे थे।

हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में लिखा है कि “मैंने फेसबुक पर अपने पुराने दोस्त किशोर उपाध्याय की पोस्ट देखी। उन्होंने कहा कि जब तक मैं उनके हनुमान था, वे आगे बढ़ते रहे, इसमें कोई शक नहीं है। मेरे जीवन को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण लोगों के बीच किशोर उपाध्याय के महत्व को मैंने कभी नकारा नहीं।

हरीश रावत ने अपने पोस्ट में आगे लिखा है कि “इस बार लंका विजय के समय हमारे हनुमान रावण के कक्ष में बैठे थे, फिर भी कोई बात नहीं, वे आगे बढ़ें, मंत्री बनें, हमारी कामना है फिर मुख्यमंत्री बनें और हनुमान संजीवनी लाने वाले हैं।” यह उनका स्वभाव है। वन अधिकार की संजीवनी को उत्तराखंड लाने के लिए मेरी शुभकामनाएं हैं।

आपको बता दें कि हरीश रावत ने यह पोस्ट किशोर उपाध्याय के रिएक्शन पर किया है, जिसमें किशोर उपाध्याय ने कहा था कि हरीश रावत बड़े नेता और उनके भाई हैं. हरीश रावत को आज कांग्रेस की हालत पर सोचना चाहिए । किशोर उपाध्याय ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर हरीश रावत को आज इतने बड़े नेता के तौर पर देखा जाता है तो उनके पीछे अगर कोई शख्स है तो वो हैं किशोर उपाध्याय.

किशोर उपाध्याय ने कहा था कि अगर वह नहीं होते तो हरीश रावत आज इतने बड़े नेता नहीं होते। किशोर उपाध्याय ने कहा कि अब वह कांग्रेस और कांग्रेसियों की ओर पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहते। एक बार पन्ने पलटने के बाद वह फिर कभी उस पन्ने को पढ़ना नहीं चाहते हैं ।

बता दें कि किशोर उपाध्याय उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। किशोर उपाध्याय और हरीश रावत के बीच बातचीत की खबरें हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। उत्तराखंड चुनाव 2022 से ठीक पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने किशोर उपाध्याय को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे. बीजेपी ने उन्हें टिहरी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था, जहां से उन्होंने जीत दर्ज की थी.