राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने विख्यात पर्यावरणविद्, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं चिपको आंदोलन के महानायक श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने दिवगंत आत्मा की शान्ति एवं शोकाकुल परिजनों एवं शुभचिंतकों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है।
अपने संदेश में राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि हिमालय के रक्षक श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुःख हुआ। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी का योगदान अविस्मरणीय है। उनका निधन संपूर्ण देश तथा विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है। चिपको जैसे विश्वविख्यात आंदोलन का नेतृत्व करने वाले वृक्षमित्र श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी जल, जंगल, मिट्टी और बयार को जीवन का आधार मानते थे। पर्यावरण संरक्षण को समर्पित उनका जीवन और सिद्धान्त विश्वभर में पर्यावरण हितैषियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
उधर मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने भी श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन पर अपने सवेदना व्यक्त की
चिपको आंदोलन के प्रणेता, विश्व में वृक्षमित्र के नाम से प्रसिद्ध महान पर्यावरणविद् पद्म विभूषण श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के निधन का अत्यंत पीड़ादायक समाचार मिला। यह खबर सुनकर मन बेहद व्यथित हैं। यह सिर्फ उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण देश के लिए अपूरणीय क्षति है। पहाड़ों में जल, जंगल और जमीन के मसलों को अपनी प्राथमिकता में रखने वाले और रियासतों में जनता को उनका हक दिलाने वाले श्री बहुगुणा जी के प्रयास सदैव याद रखे जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 1986 में जमनालाल बजाज पुरस्कार और 2009 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। पर्यावरण संरक्षण के मैदान में श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के कार्यों को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और शोकाकुल परिजनों को धैर्य व दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।
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