उत्तरकाशी : एक सप्ताह पहले गणेशपुर गांव में सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो गई थी. लेकिन सिंचाई नहर विभाग ने सुध नहीं ली। ऐसे में गांव की महिलाएं खुद आगे आईं और वो कर दिखाया,जो विभाग को अब मुंह चिढ़ा रहा है.

महिलाओं ने बनाई क्षतिग्रस्त नहर

सिंचाई के लिए महिलाओं ने बनाई नहरें: गणेशपुर की महिलाएं खुद ही गर्जन कर रहे गदेरे के पास पहुंच गईं। महिलाओं ने गांव के पुरुषों के साथ मिलकर धान की खेती के लिए लगभग 2 किलोमीटर लंबी वैकल्पिक सिंचाई नहरें बनाईं। महिलाओं का कहना है कि महज पांच किमी दूर सिंचाई विभाग के अधिकारी एक सप्ताह तक सुध लेने नहीं आये. मानसून सीजन को लेकर विभागीय अधिकारी कितने गंभीर हैं, इसकी बानगी जिला मुख्यालय से महज पांच किमी दूर गणेशपुर गांव में देखने को मिलती है।

उत्तरकाशी की महिलाओं ने दिखाया सिंचाई विभाग को आईना: गणेशपुर गांव निवासी प्रदीप राणा सहित महिला मंगल दल अध्यक्ष मीना राणा, प्रियंका देवी, नंदा देवी, गंगेश्वरी, पूजा, नीलम, अरविंद रावत, जगत नेगी, सब्बल सिंह और लोकेंद्र ने बताया कि एक सप्ताह पहले उनके गांव के पास गदेरा उफान पर आने से उनकी धान की खेती की सिंचाई नहर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसकी सूचना विभाग को भी दी गयी. लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने नहीं सुनी लोगों की शिकायत : जिससे ग्रामीणों के सामने धान की रोपाई का सवाल खड़ा हो गया. यह देख गांव की महिलाएं व अन्य ग्रामीण खुद ही मौके पर पहुंच गए। इसके बाद सभी ने मिलकर श्रमदान से करीब 2 किलोमीटर लंबी वैकल्पिक नहर बना डाली. ऐसे में पानी ग्रामीणों के खेतों तक पहुंच गया। किसान अपने खेतों में धान की रोपाई करने लगे। उधर, जब उन्होंने इस संबंध में जानकारी लेने के लिए सिंचाई विभाग के ईई को फोन किया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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