देहरादून : उत्तराखंड बीजेपी एक और बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की जगह किसी और को जिम्मेदारी दे सकती है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी मदन कौशिक के साथ एक और कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। बीजेपी की इस रणनीति के पीछे तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम को माना जा रहा है। जहां एकाएक बीजेपी के अंदर दो-दो सीएम बदल दिए गए, तो वहीं कांग्रेस ने अप्रत्याशित रणनीति अपनाते हुए एक की जगह पांच-पांच अध्यक्ष बना डाले। इसमें भी जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का कांग्रेस ने बारिकी से ध्यान रखा है। तराई में पंजाबी समुदाय की बहुलता के चलते ऊधमसिंह नगर से कांग्रेस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलकराज बेहड़ को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया।

सरकार की कमान मैदानी प्रतिनिधियों के हाथ
उत्तराखंड में इस साल मार्च में जब बीजेपी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाया था, तो उनके साथ ही संगठन में भी बदलाव कर प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था। उनकी जगह मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था। कौशिक को शहरी विकास जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय छोड़ना पड़ा था। हालांकि, कौशिक तब भी इस बदलाव से खुश नहीं थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें मना लिया था। मदन कौशिक को अध्यक्ष बनाने के पीछे बीजेपी का मकसद मैदानी वोटर्स और खासकर किसान आंदोलन से उपजी एंटी इनकम्बैसी को कम करना था। लेकिन इस बीच त्रिवेंद्र को हटाकर लाए गए तीरथ सिंह रावत को भी चलता कर दिया गया और उनकी जगह मैदान की खटीमा सीट से पुष्कर धामी ने ले ली। अब संगठन और सरकार की कमान एक तरह से मैदान के प्रतिनिधियों के हाथ में है.

बीजेपी ने दिया इस चर्चा को निर्मूल करार
बीजेपी इन सारी चर्चाओं को निर्मूल करार दे रही है। संगठन और सरकार के बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि ऐसा कोई विचार नहीं है। कांग्रेस एक षडयंत्र के तहत इस बात को हवा दे रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि बीजेपी अध्यक्ष बदले न बदले कांग्रेस का इससे कोई मतलब नहीं है। लेकिन, खुद बीजेपी के नेता इस बात को हवा दे रहे हैं। साढ़े चार साल में बीजेपी तीन सीएम बदल सकती है तो कुछ भी कर सकती है.