हरिद्वार : सावन का महीना आते ही हर भोले भक्त पर भोले की भक्ति चरम पर होती है। अपने महादेव पर जलाभिषेक करने के लिए शिव भक्त हरिद्वार से गंगा जल लेकर जाते हैं। जिसके बाद महादेव का जलाभिषेक करते हैं। लेकिन इस बार सावन में भी कोविड संक्रमण का ग्रहण साफ दिख रहा है। वहीं कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इस बार उत्तराखंड शासन ने कांवड यात्रा पर रोक लगा दी है। जिससे भोले के भक्तों में निराशा देखी गई। वहीं कांवड़ियों को हरिद्वार आने से रोकने के लिए बॉर्डर पर भी काफी सख्त पाबन्दी लगाई गई है। और पुलिस लगातार चप्पे चप्पे पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है।

उत्तराखंड सरकार ने किया अनोखा प्रयास
साल भर सावन माह के इंतजार में बैठे भोले के भक्तों को इस बार भी कोरोना की वजह से निराशा ही देखने को मिली है। ऐसे में शिव भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे इसको लेकर उत्तराखंड सरकार ने एक अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है। जिससे बिना उत्तराखंड आए ही शिवभक्तों को पवित्र गंगा जल उपलब्ध हो सकेगा। दरअसल हरिद्वार में जिला प्रशासन की ओर से दूसरे राज्यों के जिलों को गंगाजल भेजा जा रहा है। अब तक हरिद्वार से दिल्ली और हरियाणा के लिए गंगाजल के 40 टैंकर रवाना हो चुके हैं। ंवहीं इस प्रयास के चलते भोले के भक्तों को बिना हरिद्वार आए ही पवित्र गंगाजल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही भीड़ के उत्तराखंड न आने से संभावित कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी तैयारियां की जा सकेंगी।

जिलाधिकारी ने दिखाई गंगाजल के टैंकर को हरी झंडी
हरिद्वार के जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने मेला नियंत्रण भवन से यमुनानगर जिले के लिए रवाना किए गए गंगाजल के टैंकर को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि कांवड़ियों का हरिद्वार आना प्रतिबंधित है लेकिन लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मांग के अनुसार गंगाजल भेजा जा रहा है। कुछ धार्मिक और सामाजिक संगठन भी गंगाजल भेजने में सहयोग कर रहे हैं।