यूपीएससी की सिविल सेवा प्री-परीक्षा में कठिन प्रश्नों ने उम्मीदवारों को भ्रमित कर दिया। विशेषज्ञों और परीक्षार्थियों ने माना है कि परीक्षा में मध्यम से कठिन स्तर के प्रश्नों की संख्या अधिक थी। सिविल सेवा पूर्व परीक्षा में रविवार को सामान्य अध्ययन का पहला पेपर हुआ, जिसमें 200 अंकों के 100 प्रश्न पूछे गए. भूगोल में 32 प्रश्न थे जिनमें से 16 प्रश्न पर्यावरण से संबंधित थे।

जानकारों के मुताबिक परीक्षा में सिर्फ एनसीईआरटी पैटर्न के सवाल ही पूछे गए हैं। राष्ट्रपति से लेकर मौलिक अधिकार, आधुनिक भारत, मध्य भारत और प्राचीन भारत तथा संवैधानिक संस्थाओं से संबंधित प्रश्न भी पूछे गए। प्रयाग आईएएस अकादमी के निदेशक आरए खान ने कहा कि जिन उम्मीदवारों ने इस पेपर में 45 से 50 प्रश्नों का प्रयास किया है, उनके पास अर्हता प्राप्त करने का हर मौका है।

उन्होंने कहा कि परीक्षा में मध्यम से कठिन प्रश्न पूछे गए। अधिकांश प्रश्न वर्तमान परिप्रेक्ष्य से पूछे जाते हैं। उन्होंने कहा कि गहराई से तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए सफलता की राह आसान होती है। दूसरा पेपर सीसैट का था, जिसमें 200 अंकों के 80 प्रश्न पूछे गए थे।

क्वालीफाइंग पेपर हैं। दूसरी बार परीक्षा में शामिल हुए अंकित ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल करेंट बेस्ड सवाल ज्यादा पूछे गए। एक अन्य परीक्षार्थी मुकेश नेगी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल परीक्षा का स्तर थोड़ा कठिन है।

यूपीएससी की परीक्षा में आधे से ज्यादा अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे हैं

रविवार को राजधानी के 50 केंद्रों पर सिविल सेवा प्री परीक्षा हुई। जिसमें 20,839 में से 9951 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा में 10,888 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सभी केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण रही. दोनों पाली की परीक्षा समय पर हुई। अभ्यर्थियों को कड़ी चेकिंग के बाद प्रवेश दिया गया।