रुद्रप्रयाग , PAHAAD NEWS TEAM

पंच केदारों में तीसरे केदार के रूप में विख्यात तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ से हिमालय के लिए रवाना हो गयी है | दो दिनों के प्रवास के लिए डोली गांव के बीचों-बीच भूतनाथ मंदिर पहुंचीं। 16 मई को डोली भूतनाथ मंदिर से प्रस्थान कर विभिन्न यात्रा स्थलों पर नृत्य करेंगी और अंतिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेंगी।

तुंगनाथ धाम के कपाट गर्मियों के लिए 17 मई को खुलेंगे

17 मई को चोपता से रवाना होकर सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करने के बाद धाम पहुंचेगी । वहीं भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर दोपहर 12 बजे शुभ लग्न पर तुंगनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे | वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं ने अपने घरों से ही हाथ जोड़कर भगवान तुंगनाथ की डोली को विदा किया ।

सरकार द्वारा लाॅकडाउन घोषित होने के कारण तहसील व पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में सीमित भक्तों ने डोली की अगुवाई की इस बार पुणखी मेला स्थगित किया गया था . पुणखी मेला स्थगित होने से श्रद्धालुओं में आक्रोश है।

दो दिनों के प्रवास के लिए डोली गांव के बीचों-बीच भूतनाथ मंदिर पहुंचीं। 16 मई को डोली भूतनाथ मंदिर से प्रस्थान कर विभिन्न यात्रा स्थलों पर नृत्य करेंगी और अंतिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेंगी