देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र 2021 कांग्रेस की नजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हर दांव पर है। भूमि कानून पर उच्च स्तरीय समिति और देवस्थानम बोर्ड पर पंडा-पुरोहित समाज की नाराजगी दूर करने को वरिष्ठ भाजपा नेता मनोहरकांत ध्यानी को जिम्मेदारी सौंपने के मुख्यमंत्री की पहल के जवाब में प्रमुख प्रतिपक्षी दल ने इन्हीं मामलों पर दो असरकारी विधेयकों को आगे कर दिया है . ये दोनों मुद्दे कांग्रेस और बीजेपी के बीच नई बिसात बनने जा रहे हैं.

त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में बने भूमि कानून का जब इंटरनेट मीडिया पर जोरदार विरोध शुरू हुआ तो कांग्रेस को इस मुद्दे को समझने में देर नहीं लगी. इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत तमाम नेताओं ने सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है. देवस्थानम बोर्ड को लेकर पंडा-पुरोहित समाज की नाराजगी को लेकर विपक्ष भी काफी मुखर है.

कांग्रेस इन मुद्दों को 2022 के विधानसभा चुनाव तक गर्म रखने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस की इसी मंशा को भांपते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दोनों मामलों की काट ढूंढने में जुट चुके है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि भूमि कानून के प्रावधानों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है। सरकार कमेटी की रिपोर्ट पर गौर करेगी। इसी तरह मुख्यमंत्री ने पंडा-पुरोहित समाज से जुड़े भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहरकांत ध्यानी की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाए है. देवस्थानम बोर्ड को लेकर पंडा-पुरोहितों की नाराजगी दूर करने के लिए ध्यानी सरकार को अहम सुझाव देंगे.

विधानसभा के मानसून सत्र से पहले मुख्यमंत्री के इन कदमों को लेकर कांग्रेस काफी सतर्क है. सरकार और मुख्यमंत्री को घेरने के लिए पार्टी ने मानसून सत्र में इन दोनों मुद्दों पर प्रभावी विधेयक लाने का फैसला किया है. कांग्रेस की रणनीति इन दोनों मुद्दों पर सरकार को परेशान करना और राज्य को संदेश देना है। विपक्ष के इस प्रयास से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खींचतान के साथ ही इन दोनों मुद्दों पर जुबानी जंग भी होगी. कांग्रेस इन मुद्दों को तीखा बनाकर सरकार पर हमला करने के लिए नए-नए तथ्य भी जुटा रही है।