उपेंद्र सिंह रावत “जौनपुरी” , PAHAAD NEWS

जौनपुर,जौनसार एवं रवाईघाटी का मुख्य त्यौहार मरोज इस बार 13 जनवरी(माघ) को मनाया जायेगा।

आदिकाल से चला आ रहा ये मरोज का त्यौहार उत्तराखंड में यमुना वैल्ली में बड़े हर्ष उल्लाश के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार बकरो को काटा जाता है जैसा जिसका परिवार होता है उसी के हिसाब से १ या २ बकरे काटे जाते है ओर ये मरोज का त्यौहार पुरे महीनेभर चलता है।

इस अवसर पर बकरे के मांस के अलावा भी अन्य पकवान भी बनाये जाते है जिसमे समाले (पूरी ), दाल के पकोड़े इत्यादि होते है। इसके बाद गांव के हर घर में जाके पहाड़ी डांस किया जाता है ओर ये सिलसिला कई दिनों तक चलता है। सब लोग बारी बारी से एक दूसरे के घर जाते है ओर एक दूसरे को दावत देते है।
इसमें सभी लोग अपने नाते रिस्तेदारो को अपने यहाँ दावत पर बुलाते है। पूरे महीने दावतों का दौर चलता है. पर्व के लिए प्रत्येक घर मे मुख्य भोजन के रूप में बकरे का मांस परोसने की परंपरा है। इस अवसर पर सभी लोग अपनी पहाड़ी भेष-भूषा में नज़र आते है।

बकरे के दिल पर मामा का हक

माघ-मरोज में काटे गए बकरे के दिल पर सिर्फ मामा का हक होता है। यमुना वैल्ली में मेहमाननवाजी में मामा का स्थान सबसे ऊपर है। परिवार के लोग ससुराल में ब्याही बेटी का हिस्सा लेकर उसके घर भी जाते हैं। जिससे बेटी का जुड़ाव मायके से हमेशा बना रहे।