देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

केंद्र सरकार उत्तराखंड के रामनगर स्थित जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम बदलने जा रही है. इसे रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान का नाम दिया जा सकता है।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के निदेशक ने बताया कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने 3 अक्टूबर को जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का दौरा किया था. इस दौरान चौबे ने इस नेशनल पार्क का नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क करने की बात कही थी.

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम जेम्स एडवर्ड जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था। जिम कॉर्बेट ने कई आदमखोर बाघों और तेंदुओं का शिकार करके लोगों को भय से मुक्त किया।

जेम्स एडवर्ड जिम कॉर्बेट का जन्म 25 जुलाई 1875 को नैनीताल में हुआ था। नैनीताल में पैदा होने के कारण जिम कॉर्बेट को नैनीताल और उसके आसपास के इलाकों से बहुत लगाव था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल में ही पूरी की। युवावस्था में जिम कॉर्बेट ने पश्चिम बंगाल में रेलवे में नौकरी कर ली, लेकिन नैनीताल का प्रेम उन्हें नैनीताल की हसीन वादियों में फिर खींच लाया ।

जिम कॉर्बेट ने वर्ष 1915 में कालाढूंगी क्षेत्र के छोटी हल्द्वानी में एक स्थानीय व्यक्ति से जमीन खरीदी थी। यहां सर्दियों में रहने के लिए जिम कॉर्बेट ने एक घर बनाया और 1922 में यहां रहने लगे। गर्मियों में वे गर्नी हाउस में रहने के लिए नैनीताल जाते थे। उन्होंने अपनी 221 एकड़ जमीन अपने सहयोगियों को खेती और रहने के लिए दे दी, जिसे आज कॉर्बेट के गांव छोटी हल्द्वानी के नाम से जाना जाता है।

बता दें, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लगभग 250 बाघ और 1200 हाथी सिर्फ कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हैं। इसके अलावा कॉर्बेट में बड़ी संख्या में अन्य जंगली जानवर पाए जाते हैं। कई प्रकार के पक्षी भी पाए जाते हैं, इसलिए इन सभी को ध्यान में रखते हुए कॉर्बेट वन्यजीव पर्यटन स्थल का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है।