चमोली, PAHAAD NEWS TEAM
उत्तराखंड में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस बार भूकंप का केंद्र चमोली जिले के जोशीमठ में था। वहीं, यह भूकंप सुबह 5.58 बजे महसूस किया गया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.6 मापी गई है। ऐसे में सुबह भूकंप के झटके महसूस होते ही इलाके में हड़कंप मच गया. कई लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। वहीं रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर में भी इसका असर देखने को मिला।
आपको बता दें कि उत्तराखंड अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण आपदा से जूझता रहा है। उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। राज्य में छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं। राज्य को जोन चार और पांच में रखा गया है. वहीं, सुबह भूकंप के झटके महसूस होते ही इलाके में हड़कंप मच गया. कई लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। इस भूकंप से कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, जबकि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.6 मापी गई।
भूकंप क्यों आता है?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट हैं, जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेटें अधिक टकराती हैं, उस क्षेत्र को फॉल्ट लाइन कहते हैं। बार-बार टकराने से प्लेटों के कोने मुड़ जाते हैं। जब दबाव बनता है तो प्लेट टूट जाती है। नीचे की ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोज लेती है और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप के केंद्र और तीव्रता से क्या तात्पर्य है?
भूकंप का केंद्र वह स्थान है जिसके ठीक नीचे प्लेटों की गति से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं , इसका प्रभाव कम होता जाता है।
वहीं, रिक्टर स्केल पर अगर 7 या उससे ज्यादा की तीव्रता वाला भूकंप आता भी है तो 40 किमी के दायरे में झटके तेज हो जाते हैं। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की ओर है या सीमा में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर है, तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
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