चंपावत , PAHAAD NEWS TEAM

देश के प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार के लिए प्रशासन ने आखिरकार चंपावत जिले की एक महिला का नाम नामांकित कर गृह मंत्रालय को भेज दिया है. ये नाम है रीता गहतोड़ी , जो सामाजिक कार्यों में प्रतिबद्ध हैं और टीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित हैं। गृह मंत्रालय ने 27 मई को सभी राज्यों से इसके लिए पहचाने गए लोगों की सूची मांगी थी. रीता पहली बार 2008 में एक अफगान महिला शाबरा को न्याय दिलाने में मदद करने के बाद सुर्खियों में आईं।

मूल रूप से लोहाघाट के चांदमारी की रहने वाली रीता गहतोड़ी दूसरी बार तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने वर्ष 2012 में सामाजिक वर्जनाएं तोड़ते हुए अपने स्व. पिता हीरा बल्लभ गहतोड़ी की अर्थी को कंधा देकर उन्हें मुखाग्नि दी थी। वर्ष 2008 में, उन्होंने शादी के बाद न्याय पाने के लिए पिथौरागढ़ पहुंचने वाली एक अफगान महिला शाबरा की मदद कर उन्हें भरण-पोषण दिलाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी और उसे उसका हक दिलाया। 14 साल की उम्र से ही उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया था। वह अभी भी वाल्मीकि समाज के लोगों के उत्थान के लिए काम कर रही हैं। सामाजिक क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें वर्ष 2013 में तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें वर्ष 2014 में महिला समाख्या द्वारा सम्मानित किया गया था।

बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी को देखते हुए, उन्हें बाल विकास विभाग, चंपावत में अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया । कोरोना काल में भी रीता गहतोड़ी ने जान की परवाह किए बिना प्रवासियों की मदद की। पिछले साल चंपावत पुलिस ने उन्हें कोरोना वॉरियर्स का सम्मान दिया था. वर्तमान में वह किशोर न्याय बोर्ड और कोविड टास्क फोर्स की सदस्य भी हैं। उनका पहला काम मानव तस्करी को रोकना और महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना है। जिलाधिकारी विनीत तोमर ने बताया कि पहली बार जिले से रीता गहतोड़ी का नाम पद्मश्री पुरस्कार के लिए भेजा गया है. उनके आवेदन की जांच के बाद नाम गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है। अगर उन्हें पद्मश्री मिल जाता है तो यह जिले के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। हर साल यह जानकारी शून्य हो जाती थी।

200 से अधिक शव यात्राओं में शामिल हो चुकी है

रीता गहतोड़ी अपने पिता के साथ अब तक 250 लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल हो चुकी हैं। चिता के अंतिम क्रिया कर्म तक परिवार के सदस्यों के साथ वह अंतिम क्षण तक रुकती है। वह छह से अधिक शहीद सैनिकों के अंतिम संस्कार में भी शामिल हो चुकी हैं। इसके अलावा वह अंतिम संस्कार में गरीब परिवारों की भी मदद करती हैं।

हर साल मांगे जाते हैं आवेदन, इस बार भेजा गया नाम

26 जनवरी को दिए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए हर साल गृह मंत्रालय से आवेदन मांगे जाते हैं। लेकिन किसी के द्वारा आवेदन न करने के कारण सूचना जीरो में भेज दी जाती थी । लेकिन इस बार रीता गहतोड़ी ने पद्म श्री पुरस्कार के लिए आवेदन किया था। जिस पर डीएम ने पुलिस व स्थानीय प्रशासन ने जांच कराई। जांच में सही पाए जाने के बाद प्रशासन द्वारा इसकी अनुशंसा करते हुए उनका आवेदन गृह मंत्रालय को भेजा गया .