देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

अन्य राज्यों की तरह, अब उत्तराखंड में भी कोरोना में तेजी आई है। जबकि संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ रही है, सक्रिय मामले का बोझ भी कई गुना बढ़ गया है। सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति देहरादून और हरिद्वार जिलों की है। इन दोनों जिलों में प्रतिदिन सत्तर प्रतिशत से अधिक मामले आ रहे हैं।

राज्य में कोरोना का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था। तब से, राज्य ने इस मोर्चे पर कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। नए साल में, आंकड़े कुछ राहत देने लगे थे, लेकिन अब चिंता फिर से बढ़ रही है। राज्य में कोरोना के आंकड़ों का अध्ययन करने वाले संगठन, सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फ़ाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड में, कोरोना को 55 सप्ताह बीत चुके हैं। 55 वें सप्ताह (28 मार्च – 3 अप्रैल) में कोरोना मामलों में अचानक उछाल आया है।

तीन महीने के बाद, यह हुआ है कि रोगियों का साप्ताहिक आंकड़ा दो हजार को पार कर गया है। इस बीच राज्य में 2199 नए मामले आए हैं। मामलों की तेजी से बढ़ती संख्या के साथ, अब संक्रमण की दर भी तीन प्रतिशत के करीब है। पिछले सप्ताह यह 2.84 प्रतिशत थी। यही नहीं मौत का साप्ताहिक आंकड़ा भी 16 रहा है। छह सप्ताह के बाद, यह संख्या दहाई तक पहुंच गई है।

यह चिंता का विषय है कि जांच में तेजी नहीं दिख रही है। दिसंबर में, जांच का साप्ताहिक आंकड़ा एक लाख से ऊपर पहुंच गया था , लेकिन पिछले सप्ताह में यह 77433 रहा है। उनका कहना है कि टीकाकरण एक लंबी प्रक्रिया है और इस दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखना, मास्क पहनना, भीड़ से बचना बहुत जरूरी है और हाथों को नियमित रूप से साफ रखें। याद रखें कि कि कोरोना के खिलाफ जंग में बचाव की बहुत अहमियत है। अगर इसमें थोड़ी भी चूक हुई तो स्थिति फिर से बिगड़ने लगेगी। कोरोना के आंकड़े इसी बात का संकेत दे रहे हैं।

मामले

28 फरवरी-6 मार्च -414
7-13 मार्च -391
14-20 मार्च -557
21-27 मार्च -1204
28 मार्च-3 अप्रैल -2199

संक्रमण दर

28 फरवरी-6 मार्च -0.52
7-13 मार्च -0.45
14-20 मार्च -0.79
21-27 मार्च -1.56
28 मार्च-3 अप्रैल -2.84

मौत

28 फरवरी-6 मार्च -2
7-13 मार्च -8
14-20 मार्च -2
21-27 मार्च -5
28 मार्च-3 अप्रैल -16