देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

देश के कई राज्यों में कोरोना रोगियों के लिए ऑक्सीजन की कमी के कारण हाहाकार मचा हुआ है। यह उत्तराखंड के लिए राहत की बात है, यहां फिर भी ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है। इस बीच, भविष्य में ऑक्सीजन की कमी के डर के कारण, कई लोगों ने घरों में ऑक्सीजन के छोटे सिलेंडर जमा करना शुरू कर दिए है। इसके कारण, कृत्रिम संकट पैदा होने की संभावना बन गई है। अगर एक घर के सभी लोग स्वस्थ हैं, तो ऑक्सीजन सिलेंडर की क्या जरूरत है?

दून में ऑक्सीजन की आपूर्ति और बिक्री करने वाले विक्रेताओं का कहना है कि कमी सिर्फ सिलेंडरों की है। इन आपूर्तिकर्ताओं के अनुसार, लोगों ने ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टॉक रखना शुरू कर दिया है। दून में एक सप्ताह में 20 से 22 सिलेंडर एक दुकान से अस्पतालों में जाते थे, अब हर दिन 18 से 20 सिलेंडर की मांग की जा रही है। पहले दुकानों से लोग अपने परिवार के लिए सप्ताह में पांच से आठ सिलेंडर लाते थे। अब एक दुकान में ही रोजाना 10 से 15 लोग पहुंच जा रहे हैं।

निगरानी के लिए बनाई गई नोडल टीम: डीएम डॉ . आशीष कुमार श्रीवास्तव ने देहरादून जिले में ऑक्सीजन सिस्टम की निगरानी के लिए एक टीम बना दी । जिला उद्योग केंद्र के जीएम शिखर सक्सेना इसके प्रभारी होंगे। वह सभी अस्पतालों और आपूर्तिकर्ताओं के साथ संपर्क करके ऑक्सीजन की स्थिति को देख रहे है। अभी तक ऑक्सीजन की कमी नहीं है। लोग सिलेंडर का स्टॉक न करें, , इसलिए यह व्यवस्था बनाई है।

भारी कमी फ्लो मीटर की

श्री अम्बिका गैस और भारत ऑक्सीजन गैस ट्रेडर्स के निदेशक ने कहा, वर्तमान में फ्लो मीटर की कमी चल रही है। दिल्ली से आपूर्ति नहीं होने के कारण समस्याएं शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। यदि लोग रोटेशन में सिलेंडर ले जाते हैं और वापस करते हैं, तो व्यवस्था सुचारू रूप से चलेगी। उन्होंने आगे बताया कि, ऐसे कई लोग हैं जो सिलेंडर लेने के बाद घर पर ही बैठ गए हैं। ताकि आने वाले समय में अगर इन लोगों को सिलेंडर की जरूरत पड़े, तो कोई दिक्कत न हो।

फ्लो मीटर की कालाबाजारी भी शुरू हुई

ऑक्सीजन सिलेंडरों के विक्रेताओं से प्राप्त जानकारी के अनुसार, फ्लो मीटर यहां 16 से 18 सौ रुपये में बेचे जाते हैं। हालांकि, बाजार में कुछ लोग फ्लो मीटर को तीन हजार रुपये तक में बेच रहे हैं।