देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने राज्य की पहचान के लिए मजबूत भूमि कानून बनाने की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस और बीजेपी ने उत्तराखंड राज्य के गठन के 21 साल में प्राकृतिक संसाधनों, पूंजीपतियों, माफियाओं द्वारा जमीन लूट कर राज्य की अवधारणा को कलंकित किया है.

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी का कहना है कि राज्य को आज विशेष भूमि कानून की जरूरत है. जिसको लेकर पार्टी पूरी ताकत के साथ प्रदेश में भूमि कानून को लेकर माहौल बनाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने 2018 में भूमि कानून में संशोधन कर पहाड़ पर गहरा घाव किया था. इसके लिए बीजेपी को उत्तराखंड वासियों से माफी मांगनी होगी.

पीसी तिवारी ने जोर देकर कहा कि उत्तराखंड में कृषि भूमि की खरीद की सीमा फिर से तय की जानी चाहिए और भूमि उपयोग परिवर्तन से संबंधित कानूनों को और सख्त बनाया जाना चाहिए। तिवारी का कहना है कि दिल्ली से लेकर राज्य तक चलने वाली सरकारों ने यहां चुनावी तिगड़मों, बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा और स्वास्थ्य दुर्दशा करते हुए 5 सालों तक बूथ कब्जा करने की योजना बनाई है,. ऐसे में अगर जनता जागरूक नहीं हुई तो राज्य पूरी तरह तबाह हो जाएगा.

तिवारी ने कहा कि अगर धामी सरकार राज्य में मजबूत कानून की मांग से सहमत है तो वह कमेटी बनाकर नहीं, बल्कि तीन साल पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत द्वारा लाए गए असीमित कृषि भूमि की खरीद के कानून को निरस्त कर दे. साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों और देश के अन्य क्षेत्रों की तरह उत्तराखंड को भी संविधान के अनुच्छेद 371 के तहत सुविधाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव भेजना चाहिए.

पीसी तिवारी ने कहा कि अल्मोड़ा में उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी द्वारा जिन कार्यों के लिए जमीन दी गई थी, उनके स्थान पर डांडा कांडा और नानीसार जैसे क्षेत्रों में अन्य कार्य किए जा रहे हैं. . ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इन जमीनों को रद्द कर अपने नियंत्रण में ले लें।

इसके साथ ही देश में पिछले 9 माह से किसान आंदोलन की उपेक्षा से नाराज उपपा अध्यक्ष ने सरकार की आलोचना करते हुए 27 तारीख को भारत बंद का समर्थन करने का आह्वान किया.