रुद्रप्रयाग , PAHAAD NEWS TEAM

गौरी गाँव के ग्रामीणों ने केदारनाथ आपदा से तबाह हुए तप्तकुंड के पुनर्निर्माण का काम पूरा कर लिया है। ग्रामीणों ने श्रमदान कर दो सप्ताह में काम पूरा कर लिया है। आगामी यात्रा सीजन में श्रद्धालु इस कुंड में स्नान कर सकेंगे। केदारनाथ धाम के द्वार 17 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।

गौरीकुंड, केदारनाथ धाम से 16 किमी दूर, यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है। यहां से पैदल चलकर केदारनाथ जाना पड़ता है। इससे पहले, केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री गौरीकुंड के तप्तकुंड में स्नान करने के बाद ही धाम के लिए प्रस्थान करते थे, लेकिन आपदा के बाद कुंड क्षतिग्रस्त होने के कारण ऐसा संभव नहीं रहा । गौरी गाँव के ग्रामीण लंबे समय से तप्तकुंड के पुनर्निर्माण की माँग उठा रहे थे।

इससे पहले, सरकार ने केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य कर वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी को कुंड के निर्माण की जिम्मेदारी दी थी | वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने कहा कि फंड जारी न होने के कारण इसका काम अधूरा छोड़ दिया गया। गौरी गाँव की प्रधान सोनी देवी का कहना है कि ‘कुंड के पुनर्निर्माण के लिए स्थानीय नेताओं से लेकर प्रशासन तक से अपील की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।’ इसके बाद, मार्च की शुरुआत में ग्रामीणों ने बैठक की और इसे खुद बनाने का फैसला किया। सोनी का कहना है कि ग्रामीणों ने पहले कुंड की सफाई की और बाद में निर्माण शुरू किया गया। कुंड के साथ ही यहां महिलाओं के लिए एक चेंजिंग रूम भी बनाया गया है। सोनी का कहना है कि नहाने के बाद महिलाओं को खुले आसमान के नीचे कपड़े बदलने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा । गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविद गोस्वामी ने कहा कि तप्त कुंड ग्रामीणों के संकल्प का ही परिणाम है।