धौनोल्टी , PAHAAD NEWS TEAM

भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2022 में जीत के लक्ष्य को देखते हुए धनोल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार को बीजेपी में शामिल कर लिया है जिसने कांग्रेस को कमजोर करने का काम किया है. साथ ही आजकल महावीर रांगड के समर्थक सोशल मीडिया में लगातार इलेक्शन लड़ने की बात कर रहे है. तो वहीं, धनोल्टी से 2012 में भाजपा के टिकट से विधायक रह चुके पूर्व विधायक महावीर रांगड ने मोर्चा खोल दिया है और कहा है कि वो 2022 में चुनाव जरूर लड़ेंगे. ऐसे में महावीर रांगड का ये फैसला कहीं न कहीं भाजपा की चुनाव समिति के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन सकता है.

महावीर रांगड का टिकट भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में काटा था, जब राजनाथ सिंह के समधी नारायण सिंह राणा को मैदान में उतारा गया था। सरकार में महावीर रांगड गढ़वाल मंडल विकास निगम के अध्यक्ष बनाए गए | इस बीच महावीर रांगड ने लगातार धनोल्टी में जन संपर्क बनाए रखा उनके बारे में धनोल्टी में एक बात कही जाती है कि

“राजनीतिक दलों के पास कार्यकर्ता हैं और महावीर रंगड के पास अपने लोग हैं”

यही उनकी ताकत है। भारतीय जनता पार्टी ने एक भ्रम तैयार किया है। धनोल्टी में कहा जा रहा है कि प्रीतम पंवार यमुनोत्री से लड़ेंगे और यमुनोत्री में यह फैलाया जा रहा है कि प्रीतम पंवार धनोल्टी से लड़ेंगे।

बीजेपी की इसी रणनीति को समझते हुए महावीर रांगड में धनोल्टी विधानसभा में जनसंपर्क तेज कर दिया है, उनके समर्थक बड़ी संख्या में उनके साथ हैं.

सोशल मीडिया में लगातार प्रचार किया जा रहा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी धनोल्टी से प्रीतम पवार को टिकट देती है तो महावीर रांगड निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे, जिसे लेकर रांगड ने 2022 की तैयारी कर ली है, उनका मानना है कि आने वाले समय में। प्रीतम पवार को बीजेपी में लाने का नतीजा हेड फुटबॉल के रूप में सामने आ सकता था.

पंवार के भाजपा में शामिल होने पर राजनाथ सिंह के समधी नारायण सिंह राणा खामोश हैं और बताया जा रहा है कि उन्हें आलाकमान ने खामोश रहने को कहा है, देखना होगा कि महावीर रांगड द्वारा तेज किए गए इस अभियान पर भारतीय जनता पार्टी अब क्या प्रतिक्रिया देती है | ये समाचार सोशल मीडिया पर आधारित है |