देहरादून , पहाड़ न्यूज टीम


उत्तराखंड में डिजिटल राशन कार्ड की योजना पर जून 2020 से काम शुरू हो गया था, लेकिन पिछले दो साल में कोरोना संकट और इस साल विधानसभा चुनाव के चलते इस अभियान की गति धीमी हो गई. अब इसे तेज कर दिया गया है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रेखा आर्य ने बुधवार को बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विधायक प्रीतम सिंह पंवार के सवाल के जवाब में सदन को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि इस समय डिजिटल राशन कार्ड छापने का काम चल रहा है। 30 मई तक सभी जिलों में 13.46 लाख कार्ड प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 12.58 लाख लोगों का वितरण किया जा चुका है. सभी पात्र व्यक्तियों को जुलाई माह तक डिजिटल राशन कार्ड उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

मंत्री आर्य ने विधायक पंवार और भुवन कापड़ी के पूरक सवालों के जवाब में कहा कि अगर डिजिटल राशन कार्ड वितरण के संबंध में कोई शिकायत है तो जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा कि अगर किसी का राशन कार्ड ऑनलाइन होने से छूट गया है तो वह जिला आपूर्ति अधिकारी के माध्यम से इस प्रक्रिया को पूरा करवा सकता है. अगर किसी का कार्ड बन जाता है तो उसे सरकारी सस्ते गली की दुकान से राशन उपलब्ध कराया जाएगा।

अपात्र को ना-पात्र को हां’ अभियान को लेकर विधायक प्रीतम सिंह पंवार के अल्पसूचित प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री आर्य ने कहा कि राशन कार्ड रद्द करने के आदेश से भ्रम या निराशा का माहौल नहीं है।

जिन व्यक्तियों के पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के मानदंडों के विरुद्ध राशन कार्ड हैं, वे स्वेच्छा से उन्हें सरेंडर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा हर 10 साल में होती है। निकट भविष्य में केंद्र सरकार द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार कदम उठाए जाएंगे।

केंद्र से आय और आयु सीमा बढ़ाने का आग्रह किया गया है

बाल संरक्षण सेवाओं के तहत केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रायोजन योजना में आय और आयु सीमा में वृद्धि की जाए।

महिला अधिकारिता एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने विधायक ममता राकेश के सवाल के जवाब में कहा कि इस समय योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 30,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 24,000 रुपये की वार्षिक आय सीमा तय की गई है। इतना ही नहीं, आयु सीमा भी 18 वर्ष निर्धारित की गई है। ऐसे में कई जरूरतमंद बच्चों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

मंत्री आर्य ने कहा कि केंद्र से यह भी अनुरोध किया गया है कि यदि आय सीमा में वृद्धि संभव न हो तो राज्य को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए आय सीमा निर्धारित करने की अनुमति इस प्रतिबन्ध के साथ दी जानी चाहिए कि प्रत्येक जिले के लिए तय से अधिक राशि व्यय नहीं की जाएगी । इतना ही नहीं, योजना में हर जिले में वित्तीय मानक 10 से 20 लाख करने और लाभार्थी की आयु सीमा 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का अनुरोध भी किया गया है.